Gaganyaan Parachute Tests: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को ड्रोग पैराशूट के लिए कई ज़रूरी क्वालिफिकेशन टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे किए. ये टेस्ट गगनयान क्रू मॉड्यूल के लिए डीसेलेरेशन सिस्टम डेवलप करने के लिए किए गए थे. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “ISRO ने 18-19 दिसंबर 2025 के दौरान TBRL, चंडीगढ़ की RTRS फैसिलिटी में गगनयान क्रू मॉड्यूल के लिए ड्रोग पैराशूट डिप्लॉयमेंट क्वालिफिकेशन टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे किए.”
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन टेस्ट से अलग-अलग फ्लाइट कंडीशन में ड्रोग पैराशूट के “परफॉर्मेंस और विश्वसनीयता” की पुष्टि हुई है, और यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए पैराशूट सिस्टम को क्वालिफाई करने की दिशा में एक “महत्वपूर्ण कदम” है. जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह देखकर खुशी हो रही है कि भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के एक और कदम करीब पहुंच गया है.”
ISRO ने इस मिशन को लेकर क्या कुछ कहा?
ISRO के अनुसार, गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल के डीसेलेरेशन सिस्टम में 4 तरह के कुल 10 पैराशूट थे. स्पेस एजेंसी ने मॉड्यूल के नीचे आने के सीक्वेंस के बारे में बताया, कि यह “दो एपेक्स कवर सेपरेशन पैराशूट से शुरू होता है जो पैराशूट कंपार्टमेंट के सुरक्षात्मक कवर को हटाते हैं, इसके बाद दो ड्रोग पैराशूट मॉड्यूल को स्थिर करते हैं और उसकी गति कम करते हैं.”
ISRO ने कहा कि एक बार जब ये ड्रोग पैराशूट खुल जाते हैं, तो तीन मुख्य पैराशूट को बाहर निकालने के लिए तीन पायलट पैराशूट तैनात किए जाते हैं, जो क्रू मॉड्यूल की गति को और धीमा कर देंगे ताकि सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित हो सके. इसमें कहा गया है कि ड्रोग पैराशूट “एक महत्वपूर्ण घटक” हैं क्योंकि वे री-एंट्री के दौरान क्रू मॉड्यूल की गति को सुरक्षित स्तर तक कम करके उसे स्थिर करने में मदद करते हैं.
टेस्ट की इस खास सीरीज के मकसद के बारे में, ISRO ने कहा कि ये टेस्ट अत्यधिक परिस्थितियों में ड्रोग पैराशूट के परफॉर्मेंस और विश्वसनीयता का मूल्यांकन करने के लिए किए गए थे.
Heartening to note that India has moved one more step closer to its first Human Space mission #Gaganyaan.
ISRO successfully completed the Drogue Parachute Deployment Qualification Tests for the Gaganyaan Crew Module at the RTRS facility of TBRL, Chandigarh, during 18–19 December… pic.twitter.com/ci47TQDaoA
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) December 20, 2025
पैराशूट सिस्टम को क्वालिफाई करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम – ISRO
ISRO ने कहा, “इन टेस्ट का सफल समापन मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए पैराशूट सिस्टम को क्वालिफाई करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC), ISRO, एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADRDE), DRDO और टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL), DRDO का सक्रिय समर्थन और भागीदारी रही.”
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