FIR Against Sanjay Kumar: सरकारी वित्त पोषित शोध संस्था, सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के प्राध्यापक संजय कुमार के खिलाफ महाराष्ट्र चुनाव से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर नागपुर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। हालाँकि संजय कुमार ने इस गलती के लिए माफ़ी मांगी थी और वो पोस्ट डिलीट भी कर दिया था।
आपको बता दें कि संजय कुमार ने अपने पोस्ट में यह दावा किया था कि पिछले साल के लोकसभा चुनाव और इस साल के महाराष्ट्र चुनाव के बीच महाराष्ट्र के नासिक पश्चिम और हिंगना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या क्रमशः 47% और 43% बढ़ी है। उन्होंने यह भी दावा किया था कि रामटेक और देवलाली निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या क्रमशः 38% और 36% कम हुई है। इसके बाद उन्होंने मंगलवार (19 अगस्त) को एक्स पर एक पोस्ट में माफ़ी मांगी और कहा कि डेटा “गलत पढ़ा गया” था।
आपको बता दें कि संजय कुमार ने अपने पोस्ट में कहा, “महाराष्ट्र चुनावों से संबंधित ट्वीट्स के लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आँकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आँकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। अब यह ट्वीट हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
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शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में संचालित भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने मंगलवार, 19 अगस्त को भ्रामक आँकड़ों को लेकर CSDS को कारण बताओ नोटिस जारी किया। इस बीच, नासिक के जिला चुनाव कार्यालय (DEO) द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया।
DEO नासिक ने X पर यह भी पोस्ट किया था, “CSDS के संजय कुमार ने 126-देवलाली विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की लोकसभा-2024 और महाराष्ट्र विधानसभा-2024 के मतदाताओं की भ्रामक जानकारी पोस्ट की है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे केवल ECI की वेबसाइट से ही जानकारी सत्यापित करें।”
संजय कुमार की माफ़ी के बाद, भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने उन पर कांग्रेस के पक्ष में गलत अनुमान प्रस्तुत करने का आरोप लगाया और इन आंकड़ों को “पुष्टिकरण पूर्वाग्रह” का मामला बताया।
इस बीच, कांग्रेस ने इन दावों को खारिज कर दिया और कहा कि राहुल गांधी के दावे चुनाव आयोग द्वारा दिए गए आंकड़ों पर आधारित थे।
बीएनएस की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें धारा 175, 353(1)(बी), 212 और 340(1)(2) शामिल हैं, जिनमें झूठी सूचना और संभावित चुनाव संबंधी उल्लंघनों से संबंधित आरोप शामिल हैं।

