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बिहार चुनाव 2025: चुनाव से पहले मतदाताओं को चेतावनी , चाहिए वोटर लिस्ट में नाम ? तो तैयार रखे ये कागजात

बहुत बार लोग शिकायत करते हैं कि वे वोट डालने गए, लेकिन बूथ पर जाकर पता चला कि उनका नाम ही मतदाता सूची में नहीं है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने समय पर जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए या फिर सही जानकारी नहीं दी। चुनाव आयोग (Election Commission) बार-बार अपील करता है कि ,जरूरी कागजात (Documents) पूरे करके ही वोटर रजिस्ट्रेशन कराएं, वरना चुनाव के दिन परेशानी उठानी पड़ सकती है।

By: Ananya verma | Published: August 20, 2025 5:00:24 PM IST



बिहार चुनाव 2025 से पहले जरूरी दस्तावेज़ पूरे करें, वरना वोटर लिस्ट में नहीं होगा आपका नाम

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ हर नागरिक को वोट डालने का अधिकार है। वोट देना सिर्फ एक हक ही नहीं, बल्कि हमारी ज़िम्मेदारी भी है। बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और लाखों नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। लेकिन दोस्तों, वोट डालने से पहले एक बहुत बड़ी शर्त है – आपका नाम वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) में होना चाहिए।

बहुत बार लोग शिकायत करते हैं कि वे वोट डालने गए, लेकिन बूथ पर जाकर पता चला कि उनका नाम ही मतदाता सूची में नहीं है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने समय पर जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए या फिर सही जानकारी नहीं दी। चुनाव आयोग (Election Commission) बार-बार अपील करता है कि ,जरूरी कागजात (Documents) पूरे करके ही वोटर रजिस्ट्रेशन कराएं, वरना चुनाव के दिन परेशानी उठानी पड़ सकती है।

आइए जानते हैं विस्तार से कि बिहार चुनाव 2025 से पहले किन-किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी और क्यों ये इतने महत्वपूर्ण हैं।

वोटर आईडी कार्ड – पहचान का सबसे बड़ा सबूत

वोटर आईडी कार्ड यानी Elector Photo Identity Card चुनाव में सबसे जरूरी दस्तावेज है। यह न केवल आपकी पहचान बताता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि आप पंजीकृत मतदाता हैं। अगर आपने अभी तक वोटर आईडी नहीं बनवाया है, तो तुरंत ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करें।

इसमें आपका नाम, फोटो, जन्मतिथि और पता दर्ज होता है।
इसके बिना बूथ पर वोट डालना लगभग नामुमकिन है।

आधार कार्ड – पहचान और पते की पुष्टि

आधार कार्ड आज हर सरकारी काम में इस्तेमाल होता है। इसमें आपकी बायोमेट्रिक जानकारी (फोटो, फिंगरप्रिंट्स, आई-स्कैन) और पता दर्ज होता है।वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या सुधार करवाने के लिए आधार कार्ड की कॉपी अक्सर मांगी जाती है।यह फर्जी पहचान को रोकने और सही मतदाता की पुष्टि करने का आसान तरीका है।

पैन कार्ड – जन्मतिथि और नाम का सबूत

पैन कार्ड भले ही टैक्स और बैंक से जुड़े कामों में ज़्यादा इस्तेमाल होता हो, लेकिन चुनाव में भी यह काम आता है।इसमें आपकी जन्मतिथि और नाम लिखा होता है।चुनाव अधिकारी इसे पहचान पत्र के रूप में स्वीकार करते हैं।
कई बार यह अतिरिक्त दस्तावेज़ के तौर पर मांगा जाता है ताकि जानकारी में कोई गलती न हो।

.पासपोर्ट – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य पहचान

पासपोर्ट सबसे मजबूत पहचान प्रमाणों में से एक है। इसमें फोटो, नाम, जन्मतिथि और पता सब कुछ होता है। अगर आपके पासपोर्ट की कॉपी है, तो वोटर रजिस्ट्रेशन या एड्रेस वेरिफिकेशन में मदद मिलती है।

 ड्राइविंग लाइसेंस – पहचान + पता दोनों का सबूत

ड्राइविंग लाइसेंस सिर्फ गाड़ी चलाने का परमिट नहीं है, बल्कि इसमें आपका पता और जन्मतिथि भी दर्ज होती है।बिहार में बहुत से लोग इसे पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वोटर लिस्ट में नाम जोड़ते समय यह काफ़ी काम आता है।

निवास प्रमाण पत्र (Residence Proof)

मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए यह साबित करना ज़रूरी है कि आप बिहार में रहते हैं।बिजली का बिल, पानी का बिल, बैंक पासबुक, किराए का एग्रीमेंट या राशन कार्ड – ये सब निवास प्रमाण के रूप में दिए जा सकते हैं।
इससे अधिकारी को यह पता चलता है कि आप सही पते पर रहते हैं और उसी क्षेत्र के वोटर हैं।

 जन्मतिथि का प्रमाण (Age Proof)

वोट डालने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। 10वीं या 12वीं की मार्कशीट, जन्म प्रमाण पत्र, या पासपोर्ट , ये सब उम्र का सबूत माने जाते हैं। अगर आपके पास यह दस्तावेज़ नहीं हैं, तो नए वोटर आईडी के लिए आवेदन करते समय समस्या हो सकती है।

अगर दस्तावेज़ पूरे न हों तो क्या होगा?

आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़ पाएगा। चुनाव के दिन बूथ पर जाकर भी आप वोट नहीं डाल पाएंगे। आपकी नागरिक जिम्मेदारी अधूरी रह जाएगी।

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