Home > देश > मैक 6 की स्पीड, ब्रह्मोस से भी ज्यादा घातक; DRDO की ‘Dhvani’ बढ़ाएगी भारत की ताकत

मैक 6 की स्पीड, ब्रह्मोस से भी ज्यादा घातक; DRDO की ‘Dhvani’ बढ़ाएगी भारत की ताकत

DRDO hypersonic missile project: DRDO और HAL जैसी एजेंसियां रक्षा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही हैं. इसमें ध्वनि हाइपरसोनिक मिसाइल भी शामिल है.

By: Shubahm Srivastava | Published: October 2, 2025 12:51:52 PM IST



Dhvani Hypersonic Missile: ऑपरेशन सिंदूर में पाक को चारों खाने चित कर भारत ने दुनिया को अपनी सैन्य ताकत दिखा चुका है.  लेकिन इसके बाद भी भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. मिसाइलों, वायु रक्षा प्रणालियों, लड़ाकू विमानों, रडार प्रणालियों, ड्रोन आदि के विकास से जुड़ी परियोजनाओं में हज़ारों करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. डीआरडीओ (DRDO) और एचएएल (HAL) जैसी एजेंसियां रक्षा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही हैं. 

भारत जल्द ही इस दिशा में ऐतिहासिक सफलता हासिल करने की ओर अग्रसर है. देश की सशस्त्र सेनाओं को जल्द ही इतनी सटीकता और उच्च गति वाली मिसाइल मिलेगी कि एयर डोम और थाड जैसी मिसाइल रक्षा प्रणालियां भी बेदम हो जाएंगी.

DRDO की ‘Dhvani’ मिसाइल 

असल में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) 2025 के अंत तक एक नई श्रेणी की हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण करने के लिए तैयारी में है. इस मिसाइल का नाम ध्वनि (Dhvani) है, जो भारत के हाइपरसोनिक हथियार कार्यक्रम में एक एक मिल का पत्थर मानी जा रही है. यह हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (HGV) श्रेणी की मिसाइल मैक 5 या 6 से अधिक गति से उड़ान भरने में सक्षम होगी. विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्पीड के साथ किसी भी मौजूदा मिसाइल रक्षा प्रणालियों के लिए इसे रोक पाना बेहद मुश्किल हो जाएगा. 

टेस्टिंग और डेवलपमेंट पर तेजी से हो रहा काम

रिपोर्टों के अनुसार, हाल के महीनों में, डीआरडीओ ने एयरफ्रेम वायुगतिकी, तापीय प्रबंधन, मार्गदर्शन प्रणालियों और स्क्रैमजेट इंजनों पर कई महत्वपूर्ण ज़मीनी और उड़ान परीक्षण पूरे किए हैं. इसके अलावा, 2025 में सोनिक मिसाइल का संभावित पूर्ण पैमाने पर उड़ान परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल कर देगा जिनके पास परिचालन हाइपरसोनिक हथियार हैं.

रक्षा विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह उपलब्धि भारत की सामरिक और क्षेत्रीय सुरक्षा को एक नई दिशा प्रदान करेगी और वैश्विक शक्ति संतुलन में देश की स्थिति को और मजबूत करेगी.

हिंदू-मुसलमान को लेकर आखिर ऐसा क्या सोच रखते थे महात्मा गांधी, जिससे जिन्ना को होती थी चिढ़? जानिए

Advertisement