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कौन थे डॉ. रामविलास वेदांती? 77 वर्ष की आयु में निधन, राम मंदिर आंदोलन में 25 बार गए थे जेल

राम मंदिर आंदोलन के एक प्रमुख चेहरे, पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का रीवा में निधन हो गया है. 77 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लेने वाले इस वरिष्ठ संत का राम जन्मभूमि आंदोलन में क्या योगदान था और क्यों उन्हें 25 बार जेल जाना पड़ा? जानें उनके पूरे जीवन की कहानी.

By: Shivani Singh | Last Updated: December 15, 2025 3:11:07 PM IST



अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व सांसद और वरिष्ठ संत डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया है. उन्होंने 77 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. मध्य प्रदेश के रीवा में एक धार्मिक प्रवचन के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनके निधन से अयोध्या और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है.

कौन थे डॉ. रामविलास वेदांती?

डॉ. रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर, 1958 को हुआ था. वह एक जाने-माने हिंदू धार्मिक नेता थे और 12वीं लोकसभा में संसद सदस्य थे. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुने गए डॉ. वेदांती न केवल राम मंदिर आंदोलन में एक मज़बूत आवाज़ थे, बल्कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य भी थे.

राम जन्मभूमि आंदोलन में भूमिका

डॉ. रामविलास दास वेदांती राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे. 1990 के दशक में, जब राम मंदिर आंदोलन अपने चरम पर था, उन्होंने स्वामी अवैद्यनाथ परमहंस के साथ मिलकर आंदोलन को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु स्वामी अवैद्यनाथ का करीबी माना जाता था और संत समाज में उनका विशेष सम्मान था. उन्होंने खुद 2 साल पहले राम मंदिर के उद्घाटन के समय कहा था कि मैं राम मंदिर के लिए 25 बार जेल गया, लाठी खाई पर रामलला को नहीं छोड़ा.

उनका राजनीतिक जीवन

अपने राजनीतिक जीवन में, डॉ. वेदांती 1996 और 1998 में दो बार सांसद चुने गए. संसद में रहते हुए भी उन्होंने धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया. राम जन्मभूमि आंदोलन के साथ-साथ, वे जीवन भर सनातन संस्कृति और धर्म को बढ़ावा देने और उसका प्रचार-प्रसार करने में सक्रिय रहे. अयोध्या में वशिष्ठ आश्रम से उनका गहरा जुड़ाव था.

डॉ. वेदांती का पार्थिव शरीर देर शाम तक अयोध्या लाया जाएगा. उनका अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह 10 बजे किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी अंतिम संस्कार में शामिल होने की उम्मीद है. बड़ी संख्या में संत, राजनीतिक नेता और भक्त उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचने की उम्मीद है.

सीएम योगी ने दुख जताया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर दुख जताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का निधन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इसे एक युग का अंत बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका त्यागपूर्ण जीवन सभी के लिए प्रेरणा बना रहेगा।

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