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रूस की धरती से भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लगाई दहाड़, यहां जानें- क्या-क्या बोले?

Jaishankar on Delhi Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के मॉस्को से आतंकवाद पर हमला बोला है.

By: Sohail Rahman | Published: November 18, 2025 8:15:49 PM IST



S Jaishankar on Delhi Blast: मॉस्को में दिल्ली धमाके पर क्या बोले विदेश मंत्री दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण बम धमाके में अब तक 15 लोगों की मौत हुई है. इस भीषण बम धमाके के एक हफ्ते बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने दोहराया है कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस रखता है और आतंकवाद को लेकर कोई लीपापोती नहीं की जा सकती.

मॉस्को में एससीओ शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि यह ज़रूरी है कि दुनिया आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस दिखाए. इसका कोई औचित्य नहीं हो सकता, कोई मुंह नहीं मोड़ सकता और कोई लीपापोती नहीं की जा सकती. जैसा कि भारत ने प्रदर्शित किया है, हमें आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार है और हम इसका प्रयोग करेंगे.

एस जयशंकर ने क्या कहा? (What did S Jaishankar say?)

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि एससीओ की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन बुराइयों से निपटने के लिए की गई थी. बीते वर्षों में ये खतरे और भी गंभीर हो गए हैं. 10 नवंबर को लाल किले के बाहर एक हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ. वाहन का चालक और मामले का आरोपी उमर उन नबी अल फलाह विश्वविद्यालय (फरीदाबाद, हरियाणा) में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत था.

पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को सह-साजिशकर्ता और नबी के करीबी सहयोगी जसीर बिलाल वानी को 10 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया. उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को गिरफ्तार किया था.

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आर्थिक एजेंडे पर क्या बोले एस जयशंकर? (What did S Jaishankar say on the economic agenda?)

इसके अलावा, आर्थिक एजेंडे पर जयशंकर ने कहा कि वैश्विक वित्तीय वातावरण विशेष रूप से अनिश्चित और अस्थिर है, जिसमें आपूर्ति पक्ष के जोखिम मांग पक्ष के दबावों से लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में देशों को तत्काल अपने आर्थिक जुड़ावों का जोखिम कम करना और विविधता लाना चाहिए.यह सबसे अच्छा तभी होगा जब हममें से अधिक से अधिक लोग यथासंभव व्यापक आर्थिक संबंध स्थापित करें.

आगे उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि ऐसा सहयोग सभी एससीओ सदस्यों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत होना चाहिए. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत करने के भारत के चल रहे प्रयासों को लचीली और विविध आर्थिक साझेदारी बनाने के संदर्भ में देखा जाना चाहिए.

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