नई दिल्ली से मनोहर केसरी की रिपोर्ट
Delhi AIIMS: दिल्ली स्थित एम्स की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए परमानेंट सिक्योरिटी जवानों को विशेष ट्रेनिंग की व्यवस्था की ,
आए दिन अस्पतालों में हॉस्पिटल स्टाफ्स, डॉक्टर्स और मरीज परिजनों के बीच झड़प की खबर आती रहती है, ऐसे में सुरक्षित माहौल और ऐसी हालात से निपटने के लिए दिल्ली एम्स ने एक ठोस कदम उठाया है। इसके मद्देनजर एम्स प्रशासन ने दिल्ली के झड़ौदा कलां स्थित दिल्ली पुलिस अकादमी में अपने परमानेंट सिक्योरिटी गार्ड्स को 1 महीने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग प्रदान की गई है।
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इस ट्रेनिंग का प्रोपोजल मुख्य सुरक्षा अधिकारी और उपनिदेशक व एम्स निदेशक के दिशा निर्देशों का परिणाम है
06 अगस्त 25 को फर्स्ट ट्रेनिंग बैच ,जिसमें 30 सुरक्षा जवानों ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त किया । इन जवानों को सुरक्षा स्किल, मॉन्टरिंग टेक्नोलॉजी, आगंतुक प्रबंधन, संघर्ष निवारण तकनीक, भीड़ नियंत्रण, कतार प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा और निकासी प्रक्रिया, डिजास्टर मैनेजमेंट, चिकित्सा आपातकालीन सहायता, आतंकवादी खतरे के बारे में जागरूकता, अस्पताल-विशिष्ट प्रोटोकॉल, संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा, वीवीआईपी गतिविधियों को संभालना और रोगी अनुरक्षण कर्तव्य का स्पेशल ट्रेनिंग दी गई |
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सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक शिक्षा पर जोर
इसके अलावा नैतिक आचरण और सत्यनिष्ठा, लैंगिक संवेदनशीलता और उत्पीड़न विरोधी, सॉफ्ट-स्किल्स, ग्राहक सेवा शिष्टाचार, टीमवर्क और अनुशासन, घटना रिपोर्ट लेखन, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग, स्थानीय अधिकारियों और अस्पताल निकाय के महत्वपूर्ण आपातकालीन फोन नंबर, विभिन्न समूहों के प्रति सुरक्षा गार्ड का व्यवहार, कानूनी एवं नैतिक प्रशिक्षण और अधिनियम जैसे विविध विषयों पर गहन सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक उच्च दर्जे की शिक्षा दी गई ।
इस प्रशिक्षण से कार्यक्षमता, अनुशासन, आपातकालीन स्थितियों में तुरंत रीएक्शन जैसे कार्यों को बढ़ावा
इस प्रशिक्षण की वजह से एम्स के इन सुरक्षा जवानों की कार्यक्षमता, अनुशासन, आपातकालीन स्थितियों में तुरंत रीएक्शन, कानून व्यवस्था में समझ को और भी बेहतर बनाने में मदद मिली है | इसके अतिरिक्त, प्रशिक्षण में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को विशेष महत्व दिया गया ताकि एम्स के सुरक्षा जवान हर परिस्थिति में सक्षम बने रहें | इस प्रशिक्षण का मुख्य उदेश्य संस्थान की सुरक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाना है, जिससे रोजाना आने वाले डॉक्टर, रोगियों, आगंतुकों और एम्स कर्मचारियों की सुरक्षा और भी बेहतर होगी |