Himanta Biswa Sarma on Population: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में जनसंख्या को लेकर एक बार फिर चौंकाने वाला दावा किया है। बुधवार (24 जुलाई, 2025) को डिब्रूगढ़ में कैबिनेट बैठक के बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर राज्य में मौजूदा जनसंख्या वृद्धि दर इसी तरह जारी रही, तो 2041 तक हिंदू और मुस्लिम समुदायों की आबादी लगभग बराबर हो सकती है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, ’10 साल में असम में हिंदू अल्पसंख्यक हो जाएँगे’ वाले बयान पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह मेरा विचार नहीं है। यह जनगणना का नतीजा है। आज, 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 34 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यक है, इसलिए यदि आप मूल असमिया मुसलमानों में से 3 प्रतिशत को हटा दें, तो 31% मुसलमान राज्य में आकर बस गए हैं।
‘राज्य में मुस्लिम आबादी तेज़ी से बढ़ रही है’
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप 2021, 2031 और 2041 के आधार पर अनुमान लगाएँ, तो आप लगभग 50-50 की स्थिति में पहुँच जाते हैं। इसलिए यह मेरी राय नहीं है। मैं केवल सांख्यिकीय जनगणना रिपोर्ट के आधार पर बता रहा हूँ।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पिछले दशकों के जनगणना आंकड़ों के आधार पर जनसंख्या का विश्लेषण किया जाए, तो यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि राज्य में मुस्लिम आबादी तेज़ी से बढ़ रही है, अगर यही गति जारी रही, तो 2041 तक हिंदू और मुस्लिम आबादी लगभग 50-50 हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जनगणना के आंकड़े और उसकी गणनाएँ यही संकेत दे रही हैं।
‘2001 में कुल 6 ज़िले मुस्लिम बहुल थे’
उन्होंने यह भी कहा कि 2001 में जब राज्य में कुल 23 ज़िले थे, तब 6 ज़िले मुस्लिम बहुल थे, जिनमें धुबरी, बारपेटा, नागांव, करीमगंज, हैलाकांडी और ग्वालपाड़ा शामिल हैं। हालाँकि, 2011 की जनगणना तक असम में ज़िलों की संख्या बढ़कर 27 हो गई थी और इनमें से 9 मुस्लिम बहुल थे, जैसे मोरीगांव, दारंग और बोंगाईगांव। सीएम के अनुसार, यह संख्या अब बढ़कर कम से कम 11 ज़िले हो गई है, हालाँकि 2021 की जनगणना रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।