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Rahul Gandhi ने बोला इतना गंदा झूठ? दिवंगत BJP नेता को भी नहीं छोड़ा…सोनिया गांधी के लाल की फिर हुई बेइज्जती

BJP on Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने दिल्ली में वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव में वकीलों को संबोधित करते हुए अरुण जेटली पर बड़ा बयान दिया। उनके इस बयान पर भाजपा और अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली की प्रतिक्रिया सामने आई है।

By: Sohail Rahman | Published: August 2, 2025 2:44:04 PM IST



BJP on Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली में वार्षिक लीगल कॉन्क्लेव में वकीलों को संबोधित किया। इस दौरान राहुल ने अरुण जेटली पर बड़ा बयान दिया। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे आज भी वो दिन याद है जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था। उस समय अरुण जेटली जी को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे सीधे कहा कि अगर आप कृषि कानूनों का विरोध करना बंद नहीं करेंगे, तो हमें आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी। मैंने उनकी तरफ देखते हुए कहा कि शायद आपको पता नहीं है कि आप किससे बात कर रहे हैं?

भाजपा हुई हमलावर

राहुल गांधी के इस बयान पर दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रतिक्रिया दी है। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति निचले स्तर पर पहुँच गई है। अरुण जेटली जी जैसे सम्मानित नेता का नाम कृषि कानूनों से जोड़ना, जबकि वह उस समय जीवित नहीं थे, झूठ है, और देश का अपमान भी है। अरुण जेटली जी ने देश की सेवा सच्चाई से की, उनकी विरासत का इस तरह अपमान करने के लिए माफ़ी मांगी जानी चाहिए। वहीं राहुल गांधी के बयान पर अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।



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रोहन जेटली ने क्या कहा?

रोहन जेटली ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने बयान में दावा किया है कि मेरे दिवंगत पिता अरुण जेटली ने कृषि कानूनों को लेकर उन्हें धमकी दी थी। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा कि मेरे पिता का निधन 2019 में हुआ था, जबकि कृषि कानून 2020 में लाए गए, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे पिता कभी भी विरोधी विचारों के लिए किसी को धमकाने के पक्ष में नहीं थे। वह एक मजबूत लोकतांत्रिक सोच वाले व्यक्ति थे, जो आम सहमति में विश्वास करते थे। राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, उन्होंने मतभेदों को भी सम्मान के साथ स्वीकार किया। यह उनकी विरासत है।



रोहन जेटली ने आगे कहा कि मैं राहुल गांधी की इस बात के लिए सराहना करता हूं कि वह अक्सर उन लोगों के बारे में बोलते समय सावधानी दिखाने की कोशिश करते हैं जो अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने मनोहर पर्रिकर जी के साथ भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी। उनके अंतिम दिनों का राजनीतिकरण किया।

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