बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों चरणों का मतदान संपन्न हो चूका है और बस 14 नवंबर को रिजल्ट का इंतजार है. इसके बाद अब बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होना है. इसको लेकर भाजापा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं और इसके लिए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की कमान खुद अपने ही हाथों मे ले ली है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोलकाता में एक घर ढूंढ लिया है और वहाँ गृह मंत्रालय का एक अस्थायी कार्यालय खोलने के निर्देश जारी किए हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, उत्तरी कोलकाता में अमित शाह के लिए एक आवास और गृह मंत्रालय का निर्माण किया जा रहा है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर राजनीतिक माहौल पहले ही गरमा गया है. बताया जा रहा है कि बिहार में एसआईआर से 46 लाख मतदाता हटाए गए हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में यह संख्या 2 करोड़ से ज़्यादा हो सकती है.
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पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश की सीमा खुली हुई है और अवैध प्रवासियों की सबसे ज़्यादा संख्या पश्चिम बंगाल में बताई जा रही है. भाजपा नेताओं को यह भी चिंता है कि एसआईआर से न केवल बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के वोट कम होंगे, बल्कि बांग्लादेशी हिंदुओं की भी एक बड़ी संख्या कम होगी.
पश्चिम बंगाल के एक भाजपा नेता के अनुसार, 40 लाख से ज़्यादा हिंदू बांग्लादेश से भागकर पश्चिम बंगाल में रह रहे हैं. ये बांग्लादेशी मतदाता भाजपा के मतदाता माने जाते हैं. मतदाता सूची से अपने नाम सुरक्षित रखने के लिए, बंगाल भाजपा के नेता दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं.
सीएए के तहत हिंदू बांग्लादेशियों को नागरिकता देने की तैयारी
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से आए 40 लाख से ज़्यादा हिंदुओं को सीएए के तहत नागरिकता देकर उन्हें एसआईआर से बचाने के प्रयास चल रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर, पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं ताकि बंगाल में 40 लाख हिंदुओं को एसआईआर से बचाया जा सके. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो सीएए कानून के तहत एसआईआर से सुरक्षित हिंदुओं की सबसे बड़ी संख्या पश्चिम बंगाल में होगी.