Amit Shah on Nehru Policies: संसद के मानसून सत्र का मंगलवार आज (29 जुलाई) को सातवां दिन है। आज लोकसभा में दूसरे दिन ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा हो रही है। इस दौरान अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बोले उन्होने विपक्ष द्वारा किए गए कई सवालों के जवाब दिए। उन्होने इस दौरान जवाहरलाल नेहरू के कई गलतियों को विपक्ष को याद दिलाया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के अस्तित्व के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया।
पीओके के लिए पंडित नेहरू जिम्मेदार-अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO को फोन किया और शाम 5 बजे हमने संघर्ष को बंद कर दिया। कल विपक्ष सवाल उठा रहा था कि जब आप इतनी अच्छी स्थिति में थे तो आपने इसे क्यों रोका? मैं आपको बताना चाहता हूं कि युद्ध के कई परिणाम होते हैं और बहुत सोच-समझकर फैसले लेने होते हैं। 1948 में पंडित नेहरू ने युद्ध विराम की घोषणा की थी और मैं कहता हूं कि पीओके के लिए पंडित नेहरू जिम्मेदार हैं।
1965 के युद्ध में हमने हाजी पीर जैसी जगह पर कब्जा कर लिया था और 1966 में उसे वापस कर दिया। 1971 के युद्ध में हमारे पास 93 हजार युद्धबंदी और 15 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन थी। जब शिमला में समझौते पर हस्ताक्षर हुए, तो वे पीओके मांगना भूल गए पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जाना था, लेकिन नहीं चलाया गया। सैम मानेकशॉ ने कहा है कि भुट्टो ने भारतीय नेतृत्व को मूर्ख बनाया। वह हमें सिखा रहे हैं।
उन्होंने भारत का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया- अमित शाह
सिंधु जल समझौते को लेकर अमित शाह ने कहा कि 1960 में हम सिंधु नदी के पानी पर भौगोलिक और सामरिक रूप से बहुत मजबूत थे, लेकिन उन्होंने भारत का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दिया।हमने छह दशक पुरानी सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया।
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नेहरू की गलती से भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर है- अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू की गलती से भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर है। अमेरिका ने प्रस्ताव दिया था कि चीन को सुरक्षा परिषद में नहीं लिया जाए, लेकिन पंडित नेहरू ने कहा कि हम ये स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि चीन महान देश है। लेकिन आज चीन सुरक्षा परिषद में है, लेकिन हमें आने नहीं दे रहा है।
1962 का युद्ध
अमित शाह ने 1962 के युद्ध का भी जिक्र किया उन्होने कहा मैं पूछना चाहता हूँ कि 1962 के युद्ध में क्या हुआ था? 30 हज़ार वर्ग किलोमीटर चीन को दे दिया गया था। उस समय भी ऐसी चर्चा हुई थी, तब जवाहरलाल नेहरू ने क्या जवाब दिया था कि वहाँ घास का एक तिनका भी नहीं उगता, तो उसका क्या फ़ायदा? उन्होंने कांग्रेस की ऐतिहासिक भूलों की एक प्रवृत्ति को रेखांकित किया, जिसका भारत की वैश्विक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा।