H-1B Visa Rule Changes: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से लगातार भारत पर बहुत ही बुरा असर पड़ रहा है. ट्रंप जब से दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुए हैं तब से वो लगातार हैरान करने वाले फैसले ले रहे हैं. ट्रंप के कई फैसलों से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होता हुआ नजर आ रहा है. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने H-1B वीजा के संबंध में एक नया कार्यकारी आदेश जारी किया है.
ट्रंप ने वीज़ा शुल्क बढ़ाकर 100,000 डॉलर (88 लाख रुपये) कर दिया गया है. इसे लागू करने की अंतिम तिथि 21 सितंबर बताई गई है. विशेषज्ञों द्वारा कहा जा रहा है कि ट्रंप के इस फैसले से सबसे सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ेगा. क्योंकि इनमें से लगभग 70% भारतीय H-1B वीजा धारक हैं.
H-1B वीजा का शुल्क बढ़ने पर क्या बोले अखिलेश यादव? (What did Akhilesh Yadav say about the increase in H-1B visa fees?)
ट्रंप के इस फैसले से सबसे ज्यादा नुकसान भारतीयों को होने वाला है. ऐसे में विपक्षी नेताओं द्वारा इस फैसले की आलोचना की जा रही है और भारत सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है. अब इस मामले में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का बयान सामने आया है. दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखते हुए उन्होंने कहा कि झूठी निकली हर बतिया, हुआ वीजा लखटकिया.
ओवैसी ने क्या कहा? (What did Owaisi say?)
इसके अलावा, असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. दरअसल, ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ट्रंप ने H-1B वीजा व्यवस्था को लगभग खत्म कर दिया है. भारत के लोग (खासकर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के) इसका सबसे ज्यादा लाभ उठाते थे, वो सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यह भारतीय विदेश नीति के बारे में क्या कहता है?
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखा कि मैं फिर से दोहराता हूं भारत के पास कमजोर प्रधानमंत्री हैं.
भारतीयों को होगा नुकसान (Indians will suffer losses)
यह नियम उन कंपनियों के लिए खास तौर पर झटका है जो बड़ी संख्या में भारतीय आईटी (IT) पेशेवरों को रोज़गार देती हैं. सभी H-1B वीज़ा धारकों में से 70% भारतीय हैं. हालांकि, इस आदेश में कुछ छूट दी गई हैं, इसलिए इसका असर सभी पर नहीं पड़ेगा. नए आदेश के अनुसार अगर कोई कंपनी अमेरिका के बाहर के किसी कर्मचारी के लिए H-1B वीज़ा के लिए आवेदन करना चाहती है, तो उसे पहले यह प्रमाण देना होगा कि उसने 100,000 डॉलर का शुल्क चुकाया है. यह नियम वीज़ा धारकों पर नहीं, बल्कि उन्हें रोज़गार देने वाली कंपनियों पर लागू होता है.
एक अमेरिकी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि 100,000 डॉलर का शुल्क केवल नए वीज़ा धारकों के लिए है. मौजूदा वीज़ा धारकों को छूट दी गई है. भारत से अमेरिका की तत्काल यात्रा करने वालों को रविवार से पहले पहुंचने या $100,000 का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है.
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