Akhilesh Yadav Meeting In Masjid: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव द्वारा संसद भवन के पास एक मस्जिद में कथित तौर पर राजनीतिक सभा करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी के बीच एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनकी तस्वीर सामने आते ही भाजपा ने इसे मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने तस्वीर शेयर करते हुए आरोप लगाया है कि अखिलेश ने इस मस्जिद को सपा कार्यालय बना दिया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही इसके खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान भी किया है।
भाजपा सपा प्रमुख पर इसलिए भी हमला बोल रही है क्योंकि अखिलेश ने एक बार राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था। तब उन्होंने कहा था कि ‘जब भगवान मुझे बुलाएँगे, मैं जाऊँगा। चाहे किसी का भी भगवान हो, हमारा भगवान पीडीए है।’ अब अखिलेश द्वारा मस्जिद में सभा करने के बाद भाजपा ने आरोप लगाया है कि ‘वह (अखिलेश) नमाजवादी हैं।’
क्या है पूरा मामला?
22 जुलाई को नई दिल्ली में संसद भवन के पास एक मस्जिद में अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की एक कथित सभा हुई थी। इस बैठक में सपा के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। इस घटना की जानकारी सामने आने के बाद भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव हमेशा संविधान का उल्लंघन करते हैं। भारतीय संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता। सपा को संविधान पर भरोसा नहीं है। वह हमेशा ‘नमाज़वादी’ बने रहते हैं।”
अखिलेश ने ठुकराया था राम मंदिर का न्योता
बता दें, राम लला प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पत्रकारों ने अखिलेश यादव से पूछा था कि क्या वह 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या जाएँगे। इस पर अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण नहीं मिला है। इसके बाद, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मंगलवार (9 जनवरी, 2023) को कहा था कि अखिलेश यादव को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया।
दरअसल, आलोक कुमार विश्व हिंदू परिषद की ओर से अखिलेश यादव को न्योता देने गए थे। अखिलेश ने कहा, “हम उन्हें (आलोक कुमार) नहीं जानते। जिन्हें हम नहीं जानते, उन्हें न तो बुलाते हैं और न ही उनसे कोई निमंत्रण लेते हैं। जब भगवान बुलाएंगे, तब जाएंगे। चाहे किसी का भी भगवान हो, हमारा भगवान तो पीडीए है।”