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89 किलोमीटर, 4,033 करोड़ की लागत; भारत अपने इस पड़ोसी देश के साथ शुरू करने जा रहा रेल कनेक्टिविटी

India-Bhutan Rail Projects: इस रेल परियोजना को मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे. 4,033 करोड़ की लागत से कुल 89 किलोमीटर लंबे दो रेल लिंक पर काम किया जाएगा.

Published by Shubahm Srivastava

India Bhutan Rail Connectivity: भारत और भूटान के बीच रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत होने जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में सोमवार को मोदी सरकार ने दोनों देशों के बीच 4,033 करोड़ की लागत से कुल 89 किलोमीटर लंबे दो रेल लिंक की घोषणा की है. ये रेल लिंक असम के कोकराझार-गेलेफू से लेकर पश्चिम बंगाल के बनारहाट-समत्से तक जाएगी. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि ये दोनों परियोजनाएं भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क परियोजनाओं के पहले सेट का हिस्सा हैं.

बता दें कि इन परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे और भूटानी विदेश सचिव की नई दिल्ली यात्रा के अवसर पर यहां एक औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.

भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार – रेल मंत्री

पीसी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, “भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भूटान का अधिकांश निर्यात-आयात व्यापार भारतीय बंदरगाहों के माध्यम से होता है, इसलिए भूटानी अर्थव्यवस्था के विकास और भूटानी लोगों की वैश्विक नेटवर्क तक बेहतर पहुंच के लिए निर्बाध रेल संपर्क बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है.”

रेल मंत्री ने कहा कि 89 किलोमीटर लंबे रेल संपर्क से भूटान को भारतीय रेल नेटवर्क के 1,50,000 किलोमीटर तक पहुंच प्राप्त होगी. कोकराझार-गेलेफू रेल संपर्क अगले चार वर्षों में विकसित किया जाएगा, जबकि बानरहाट-समत्से लाइन का निर्माण तीन वर्षों में किया जाएगा. इन रेल लाइनों को वंदे भारत ट्रेनों के संचालन के लिए डिजाइन किया जाएगा.

कोकराझार-गेलेफू रेल लिंक पर एक नजर

कोकराझार-गेलेफू रेल लिंक में छह स्टेशन, दो पुल, 29 बड़े पुल, 65 छोटे पुल, दो भूमिगत शेड, एक फ्लाईओवर और 39 अंडरपास होंगे. कोकराझार-गेलेफू रेल संपर्क में दो स्टेशन, एक बड़ा फ्लाईओवर, 24 छोटे फ्लाईओवर और 37 अंडरपास शामिल होंगे. इसे ₹577 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा.

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वैष्णव ने आगे कहा, “इससे लोगों को पर्यटन, औद्योगिक विकास, लोगों के बीच आवाजाही और माल ढुलाई के संदर्भ में कई आर्थिक लाभ प्राप्त होंगे. व्यावहारिक रूप से, रेलवे से होने वाले सभी लाभ इससे प्राप्त होंगे.

भूटान को ₹10,000 करोड़ की विकासात्मक सहायता

भारत सरकार ने 2024 से 2029 तक चलने वाली अपनी 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए भूटान को ₹10,000 करोड़ की विकासात्मक सहायता देने का वादा किया है. यह धनराशि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान प्रदान की गई सहायता से दोगुनी है. रेल और सड़क अवसंरचना पर निरंतर सहयोग के साथ, कनेक्टिविटी एक पारस्परिक प्राथमिकता बनी हुई है.

भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार भी है, जो भूटान के कुल व्यापार का लगभग 80% हिस्सा है. भारत भूटान का सबसे बड़ा विकास साझेदार बना हुआ है, जो इसके आधुनिकीकरण और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. गौरतलब है कि दोनों देशों ने पांच प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं – चुखा, ताला, मंगदेछु, कुरिचु और हाल ही में पूरी हुई पुनात्सांगछु II पर सहयोग किया है.

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Shubahm Srivastava

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