Punjab bodybuilder Death: पंजाब से एक और खिलाड़ी से जुड़ी दुखद घटना सामने आई है. लुधियाना में एक पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता के दौरान कार्डियक अरेस्ट से एक जाने-माने युवा बॉडीबिल्डर की मौत हो गई. मृतक की पहचान सुखवीर सिंह (28) के रूप में हुई है, जो बलोवाल (बलाचौर के पास) का रहने वाला था और फिलहाल लुधियाना में रह रहा था.
जानकारी के अनुसार, सुखवीर सिंह ने रविवार को लुधियाना में हुई एक पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. इवेंट के दौरान, उसने सफलतापूर्वक 150 किलोग्राम का बेंच प्रेस किया और 350 किलोग्राम उठाकर डेडलिफ्ट राउंड जीत लिया. हालांकि, लिफ्ट पूरी करने के तुरंत बाद, उसे सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई.
डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
जैसे ही उसकी हालत बिगड़ी, बताया जाता है कि सुखवीर सिंह आराम करने के लिए अपनी कार की ओर गया, लेकिन अंदर बैठने से पहले ही गिर गया. दोस्त और साथ के प्रतिभागियों ने तुरंत उसे लुधियाना के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया. मेडिकल कोशिशों के बावजूद, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सुखवीर सिंह स्थानीय बॉडी बिल्डिंग समुदाय में एक लोकप्रिय चेहरा था और एक जिम भी चलाता था. उसकी अचानक मौत से पंजाब के फिटनेस समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है.
कैसे हुई युवा बॉडीबिल्डर की मौत?
शुरुआती रिपोर्ट्स और डॉक्टरों की राय के मुताबिक, इस घटना की संभावित वजह हार्ट अटैक मानी जा रही है, हालांकि अंतिम पुष्टि मेडिकल जांच के बाद ही हो सकती है. डेडलिफ्ट जैसी भारी वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ के दौरान शरीर पर अत्यधिक दबाव पड़ता है. इस तरह की लिफ्टिंग में व्यक्ति अक्सर सांस रोककर जोर लगाता है, जिसे मेडिकल भाषा में Valsalva Maneuver कहा जाता है.
इससे अचानक ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से बढ़ सकता है. अगर व्यक्ति को पहले से कोई छिपी हुई हृदय संबंधी समस्या हो, जैसे ब्लॉकेज, दिल की मांसपेशियों की कमजोरी या अनियमित धड़कन (Arrhythmia), तो यह स्थिति हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट को ट्रिगर कर सकती है.
डॉक्टरों के अनुसार, कई युवा बॉडीबिल्डर्स खुद को पूरी तरह फिट मानते हैं और नियमित मेडिकल चेकअप को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. इसके अलावा, स्टेरॉयड या परफॉर्मेंस बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स का सेवन भी दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. ये पदार्थ कोलेस्ट्रॉल लेवल बिगाड़ सकते हैं, ब्लड को गाढ़ा कर सकते हैं और हार्ट पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं.
हैवी वर्कआउट बन रहा बॉडीबिल्डर्स के लिए खतरा!
एक और अहम वजह है ओवरट्रेनिंग और रिकवरी की कमी. लगातार भारी वर्कआउट, नींद की कमी और डिहाइड्रेशन दिल पर बुरा असर डाल सकते हैं. खासतौर पर ठंडे मौसम या लंबे समय बाद अचानक हेवी लिफ्टिंग शुरू करने से जोखिम और बढ़ जाता है.
डॉक्टरों की सलाह है कि जिम जाने वाले लोग, खासकर जो भारी वजन उठाते हैं, उन्हें समय-समय पर ECG, इकोकार्डियोग्राफी और ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. वर्कआउट के दौरान सही सांस लेने की तकनीक अपनाना, जरूरत से ज्यादा वजन न उठाना और शरीर के संकेतों—जैसे चक्कर, सीने में दर्द, असामान्य थकान—को नजरअंदाज न करना बेहद जरूरी है.
यह घटना एक चेतावनी है कि फिट दिखना हमेशा अंदरूनी सेहत की गारंटी नहीं होता. सुरक्षित ट्रेनिंग और मेडिकल सतर्कता ही ऐसे हादसों से बचाव का सबसे बड़ा तरीका है.

