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Sanjauli Masjid: संजौली मस्जिद पर हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, 3 मंजिलों का हटाने का आदेश, इमरान प्रतापगढ़ी पर गुस्साए ओवैसी के नेता

Sanjauli Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद को लेकर विवाद जारी है. अब हाईकोर्ट ने मस्जिद के ऊपरी तीन मंजिलों को हटाने के निर्देश दिए हैं. वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में बताया कि मस्जिद के ऊपर की तीन मंजिलों में से दो को हटा दिया है. सिर्फ एक मंजिल शेष बची है.

By: Hasnain Alam | Last Updated: December 3, 2025 4:55:41 PM IST



Sanjauli Masjid Vivad: हिमाचल प्रदेश के शिमाला में संजौली मस्जिद का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. संजौली मस्जिद का मामला निचली अदालत से हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है. अब इस मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को हटाने के लिए कहा है तो वहीं नीचे के दो मंजिलों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के ऊपर की तीन मंजिलों में से दो को हटा दिया है. सिर्फ एक मंजिल शेष बची है. कुल पांच मंजिला स्ट्रक्चर में से ऊपरी की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश पहले से ही जारी हैं, जिसके बनने पर जमकर विवाद हुआ था. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च 2026 को करेगी. 

जस्टिस अजय मोहन गोयल ने मस्जिद को लेकर क्या कहा?

हाईकोर्ट में जस्टिस अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने नगर निगम शिमला के कमिश्नर की ओर से 5 अक्टूबर 2024 को जारी आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि जिन मंजिलों को गिराने का आश्वासन वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटीने खुद दिया था, उन्हें हटाना अनिवार्य है. यदि निर्धारित समय में ये मंजिलें नहीं हटाई गईं, तो नगर निगम उन्हें गिराने के लिए स्वतंत्र होगा.

वहीं सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने कोर्ट को जानकारी दी कि ऊपर की तीन विवादित मंजिलों में से दो को पहले ही हटा दिया गया है तथा आखिरी मंजिल भी जल्द हटाई जाएगी. कोर्ट ने निचली दो मंजिलों को लेकर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिए.

क्या है संजौली मस्जिद का पूरा विवाद?

बता दें कि संजौली में नगर निगम की तय अनुमतियों के बिना पांच मंजिल मस्जिद बनाया गया. मामला पहले नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में गया. वहां एमसी शिमला कोर्ट ने ऊपर की तीन मंजिलों को अवैध पाया और गिराने के आदेश जारी किए. बाद में मामला जिला अदालत पहुंचा. जिला अदालत ने पूरे स्ट्रक्चर को अवैध पाया और उसे गिराने के आदेश जारी किए. इस पर हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट का रुख किया.

संजौली मस्जिद पर राजनीति भी शुरू

वहीं संजौली मस्जिद पर फैसला आते ही राजनीति शुरू हो गई है. कांंग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा- “आप सबकी दुआओं से शिमला की संजौली मस्जिद मामले में हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है, हम लोग लगातार क़ानूनी तौर पर इस लड़ाई को लड़ रहे थे और सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से बच रहे थे क्योंकि आज सुनवाई थी. मस्जिद कमेटी ने पूरी संजीदगी से इस मामले को कोर्ट में रखा, उनकी पूरी टीम मुबारकबाद की मुस्तहक है.”

इमरान प्रतापगढ़ी के इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने हमला बोला है. दिल्ली AIMIM अध्यक्ष शोएब जमई ने ‘एक्स’ पर लिखा- “झूठ फैलाना और मुफ्त में क्रेडिट लेना कोई आपसे सीखे! संजौली मस्जिद का दौरा हमने किया, वहां के कमेटी मेंबर से मुलाकात हमने की. आप तो कभी वहां गए भी नहीं.”

उन्होंने आगे लिखा- “जिन लोगों ने मुकदमा दायर किया वह आज भी किसी बड़े वकील उपलब्ध कराने के बारे में मुझसे मिलने दिल्ली आए संजौली मस्जिद कमेटी में शहर के कुछ जिम्मेदार लोग हैं और कुछ वकील जो स्थानीय प्रशासन की ओर से दबाव के बावजूद भी लगातार लड़ रहे हैं और इनका कांग्रेस से कोई लेना देना नहीं. जब मस्जिद का रास्ता रोक दिया गया था तो आप के जुबान से एक अल्फाज नहीं निकला. अब जब हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया तो क्रेडिट लेने आ गए. छिछोरापन कब छोड़ेंगे आप?”

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