vitamin B12 deficiency hair: आजकल लोग अपने सफ़ेद बालों से बहुत ज्यादा परेशान है और लोग अक्सर यह मान लेते हैं कि बालों का सफेद होना सिर्फ उम्र बढ़ने का सिग्नल है, लेकिन सच्चाई इससे कहीं गहरी है. आजकल कम उम्र में भी लोगों के बाल सफेद होने लगे हैं चाहे वो 20 साल के हों या 30 के. इसका कारण सिर्फ जेनेटिक्स या तनाव नहीं, बल्कि शरीर में कुछ ज़रूरी विटामिन और मिनरल्स की कमी भी हो सकती है, खासकर विटामिन B12, विटामिन D, कॉपर, और आयरन की कमी बालों में मेलानिन घटा देती है, जिससे बालों का रंग फीका पड़ने लगता है.
विटामिन B12 की कमी – बालों के रंग पर छाया असर
विटामिन B12 शरीर में मेलानिन बनाने में इम्पोर्टेन्ट भूमिका निभाता है, जो बालों को उनका नेचुरल रंग देता है. जब शरीर में इसकी कमी होती है तो मेलानिन बनना कम हो जाता है, जिससे बाल सफेद दिखने लगते हैं. यह विटामिन हमे दूध, अंडे, मछली और मांस जैसे खाद्य पदार्थों से आसानी से मिल जाता है. जो लोग शाकाहारी हैं, उनमें इसकी कमी आम होती है, ऐसे में डॉक्टर की सलाह से B12 सप्लीमेंट लेना मददगार हो सकता है, इसके अलावा, तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना भी बालों की सेहत को बनाए रखने में जरूरी है.
विटामिन D और सूरज की रोशनी की इम्पोर्टेंस
विटामिन D को अक्सर “सनशाइन विटामिन” कहा जाता है, क्योंकि इसका सबसे अच्छा सोर्स सूरज की रोशनी है, इसकी कमी से न केवल हड्डियाँ कमजोर होती हैं, बल्कि बालों की जड़ों को भी नुकसान पहुँचता है. कमज़ोर बाल जड़ों से टूटने लगते हैं और उनका रंग फीका पड़ जाता है, रिसर्च बताती है कि विटामिन D की कमी मेलानिन प्रोडक्शन को भी प्रभावित करती है. रोजाना 15-20 मिनट की धूप में रहना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है.
संतुलित खानपान और जीवनशैली का योगदान
सिर्फ विटामिन ही नहीं, बल्कि पूरा लाइफस्टाइल पैटर्न भी हमारे बालों के सफेद होने पर असर डालता है, अनियमित खानपान, तनाव, नींद की कमी और स्मोकिंग जैसी आदतें शरीर के विटामिन स्तर को घटा देती हैं. अपने डाइट में प्रोटीन, फाइबर, हरी सब्जियाँ, दही और फलों को शामिल करें, बालों पर ज़रूरत से ज़्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें. ध्यान रखें की बालों को अंदर से पोषण चाहिए, बाहर से नहीं. जब शरीर स्वस्थ रहेगा तो बाल भी मजबूत और खुद खूबसूरत दिखेंगे.