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Weight Loss Treatment: सस्ता हुआ ‘स्लिमिंग इंजेक्शन’, हर हफ्ते में बदल सकता है आपका लुक, जानें नई कीमत और असर

Weight Loss Treatment: डेनिश दवा निर्माता कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने भारत में अपना वजन घटाने वाला इंजेक्शन वेगोवी लॉन्च किया. इसके भारत प्रबंध निदेशक, विक्रांत श्रोत्रिय ने इसकी मांग के बारे में बताया.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: November 13, 2025 7:16:29 PM IST



Weight Loss Treatment: डेनिश दवा निर्माता कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने जून में भारत में अपना वजन घटाने वाला इंजेक्शन वेगोवी लॉन्च किया था. भारत में लॉन्च होने के बाद इसकी अच्छी बिक्री हुई. हाल ही में, कंपनी ने अपनी दवा की कीमत में 37% की कमी की. कीमत में कमी के कारण, शुरुआती खुराक की साप्ताहिक कीमत अब ₹4,366 प्रति सप्ताह से घटकर ₹2,712 हो गई है. कंपनी के कॉर्पोरेट उपाध्यक्ष और भारत प्रबंध निदेशक, विक्रांत श्रोत्रिय ने बताया कि कंपनी ने यह निर्णय मरीजों की प्रतिक्रिया और सामर्थ्य के आधार पर लिया है.

जून 2025 में किया गया था लॉन्च

वेगोवी को भारत में जून 2025 में लॉन्च किया गया था, अमेरिकी दवा कंपनी एली लिली द्वारा वेगोवी की प्रतिद्वंद्वी दवा, मोनजारो को भारतीय बाजार में लॉन्च करने के ठीक दो महीने बाद. लॉन्च के सात महीनों के भीतर, मोनजारो ने ₹1 बिलियन (लगभग 10%) की बिक्री हासिल की, जबकि वेगोवी की बिक्री केवल 10% रही. इतनी कम बिक्री के बावजूद, विक्रांत श्रोत्रिय का मानना है कि वेगोवी की क्षमता अभी भी मज़बूत है.

भारत में बढ़ता मोटापा

आईसीएमआर और एमडीआरएफ की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देश की 28.6% आबादी, यानी लगभग 25.4 करोड़ भारतीय, मोटापे से ग्रस्त हैं. भारत में मोटापा एक गंभीर जन स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि मोटापा अब केवल जीवनशैली की समस्या नहीं रह गया है, बल्कि इसे एक पुरानी और बार-बार होने वाली बीमारी माना जाता है जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्लीप एपनिया सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.

वेगोवी और मौनजारो

वेगोवी और मौनजारो दोनों इंजेक्शन मुख्य रूप से टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए विकसित किए गए थे, लेकिन उनकी खुराक मोटापे को भी नियंत्रित कर सकती है.विक्रांत श्रोत्रिय का कहना है कि वेगोवी के सबसे ज्यादा फायदे दिल और गुर्दों के लिए साबित हुए हैं. शोध से पता चलता है कि सेमाग्लूटाइड (वेगोवी का मुख्य घटक) किडनी फेलियर, दिल के दौरे और मृत्यु के जोखिम को ट्रैज़ेपेटाइड (मौनजारो) की तुलना में ज़्यादा प्रभावी ढंग से कम करता है.

भारत का मोटापा बाजार तेजी से बढ़ेगा

विक्रांत श्रोत्रिय का कहना है कि भारत में इन दवाओं का आना तो बस एक छोटा सा हिस्सा है. अगले 10-20 सालों में, ये उपचार भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को पूरी तरह से बदल सकते हैं. वर्तमान में, भारत का मोटापा-रोधी दवा बाजार लगभग ₹3,000-3,500 करोड़ (US$1.2 बिलियन) का है, लेकिन अनुमान है कि 2030 तक यह ₹25,000 करोड़ (US$2.5 बिलियन) तक पहुंच सकता है.अमेरिका में मोटापे की दर कम करने में दवा-आधारित उपचारों से पहले ही सफलता मिल चुकी है. श्रोत्रिय का मानना है कि भारत भी ऐसा ही कर सकता है. “भारत में मोटापे से जूझ रहे लगभग 25 करोड़ लोगों के लिए, वेगोवी जैसे उपचार आशा की किरण हैं. ये दवाएं न केवल वज़न कम करती हैं, बल्कि दीर्घकालिक, बेहतर स्वास्थ्य परिणाम देने की भी क्षमता रखती हैं.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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