Twin Pregnancy Tips: आज के समय में जुड़वां बच्चे एक पैदा होना एक बड़ा वरदान हैं. कुछ खास बातों की मदद से आप जुड़वां बच्चे होने की संभावना बढ़ा सकती हैं. आइए जानतें हैं.
सेक्स पोजीशन
सेक्स पोजीशन भी गर्भधारण में मदद करती हैं. जुड़वां बच्चों के लिए, आप मिशनरी पोजीशन, रियर एंट्री पोजीशन और सिजरिंग पोजीशन में सेक्स कर सकती हैं. ये पोजीशन डीप पेनिट्रेशन की सुविधा देती हैं, जिससे ओव्यूलेशन के दौरान गर्भधारण करना आसान हो जाता है.
जड़ी-बूटियां हैं मददगार
कुछ जड़ी-बूटियां जुड़वां बच्चों में प्रजनन ऊतकों में रक्त प्रवाह, डिम्बग्रंथि के कार्य को बेहतर बनाने और प्रजनन क्षमता और ओव्यूलेशन को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं. माका रूट एक प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी है. यह आपको जुड़वाँ बच्चे पैदा करने में मदद कर सकती है. हालाँकि, माका रूट मूड स्विंग का कारण बन सकती है.इसके अलावा, ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है. यह जुड़वाँ बच्चों के गर्भधारण की संभावना को भी बढ़ा सकता है.
सप्लीमेंट्स
फोलिक एसिड और विभिन्न विटामिन गर्भावस्था के दौरान शिशु के समुचित विकास और माँ के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं. उच्च-फोलिक एसिड सप्लीमेंट और मल्टीविटामिन लेने से जुड़वाँ बच्चे होने की संभावना बढ़ सकती है. जो महिलाएँ सप्लीमेंट नहीं लेतीं, उनमें यह संभावना कम होती है.
खान-पान भी है महत्वपूर्ण
जुड़वां बच्चे होने के लिए पोषण बहुत ज़रूरी है. अगर आप जुड़वां बच्चे भी गर्भ धारण करती हैं, तब भी आपको गर्भावस्था को बनाए रखने और स्वस्थ प्रसव सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पोषण की आवश्यकता होती है. कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे डेयरी उत्पाद, सोया और मछली, जुड़वां बच्चे होने में मदद कर सकते हैं. हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इनको खाने से जुड़वां बच्चे होंगे. ये केवल जुड़वां बच्चे होने की संभावना को बढ़ाते हैं. जुड़वां गर्भावस्था पारिवारिक इतिहास, मां की लम्बाई, वजन और उम्र पर भी निर्भर करती है.
वजन और लम्बाई
कुछ रिसर्च से पता चलता है कि 30 से अधिक बीएमआई (BMI) वाली मोटी महिलाओं में स्वस्थ वजन वाली महिलाओं की तुलना में जुड़वां बच्चे होने की संभावना अधिक होती है. ऐसा एस्ट्रोजन के बढ़े हुए लेवल के कारण हो सकता है. 5 फीट 4.8 इंच से ज्यादा लंबी महिलाओं में जुड़वां बच्चे होने की संभावना ज्यादा होती है. इसके अलावा, लंबी महिलाओं और गर्भ में जुड़वां बच्चे होने पर समय से पहले प्रसव का खतरा कम होता है.