पाइल्स का खतरा बढ़ता है
जब आप टॉयलेट में फोन लेकर बैठते हैं तो आपका ध्यान स्क्रॉलिंग या पढ़ने पर लग जाता है। इस वजह से आप टॉयलेट सीट पर जरूरत से ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं। लंबे समय तक बैठने से मलाशय की नसों पर दबाव बढ़ता है, जिससे पाइल्स यानी बवासीर की समस्या हो सकती है। शुरुआत में यह जलन, दर्द या खून आने जैसी परेशानी के रूप में सामने आती है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर रूप भी ले सकती है और सर्जरी तक की नौबत आ सकती है।
बैक्टीरिया संक्रमण का खतरा
टॉयलेट वैसे ही बैक्टीरिया और कीटाणुओं का घर होता है। जब आप वहां मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो यह कीटाणु आसानी से आपके फोन की सतह पर चिपक जाते हैं। बाद में जब आप उसी फोन को चेहरे या हाथ से लगाते हैं, तो बैक्टीरिया आपके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे पेट से जुड़ी बीमारियां, डायरिया, फूड पॉइजनिंग और इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। साफ-सफाई का ध्यान रखने के बावजूद फोन पर जमे जर्म्स से आप बार-बार बीमार पड़ सकते हैं।
रीढ़ और पीठ दर्द
टॉयलेट में बैठे-बैठे झुककर फोन देखने की आदत आपकी रीढ़ और कमर की हड्डियों के लिए बेहद हानिकारक है। जब आप झुके हुए पोजीशन में लंबे समय तक फोन देखते हैं तो गर्दन और पीठ की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। धीरे-धीरे यह दबाव मसल स्ट्रेन और क्रॉनिक बैक पेन का कारण बन सकता है। खासकर जिन लोगों को पहले से कमर दर्द या स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या है, उनके लिए यह आदत और भी खतरनाक साबित हो सकती है।
आंखों की रोशनी पर असर
टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल करते समय अक्सर लोग रील्स, वीडियो या चैटिंग में इतने खो जाते हैं कि समय का अंदाजा ही नहीं रहता। लगातार छोटे स्क्रीन को घूरते रहने से आंखों में थकान, ड्राईनेस और जलन बढ़ जाती है। धीरे-धीरे सिरदर्द और धुंधला दिखने जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं। लंबे समय तक यह आदत आपकी दृष्टि कमजोर कर सकती है और चश्मे की जरूरत बढ़ा सकती है। आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि टॉयलेट जैसे स्थान पर मोबाइल का इस्तेमाल बिल्कुल न किया जाए।