अब थायरॉयड सिर्फ वयस्कों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि बच्चों में भी तेजी से देखने को मिल रही है. अक्सर यह समस्या परिवार से आनुवांशिक रूप से मिलती है. अगर किसी बच्चे को हाइपोथायरॉयडिज्म है, तो हो सकता है कि उसकी थायरॉयड ग्रंथि जन्म से बनी ही न हो, अधूरी हो, या फिर सही मात्रा में हार्मोन न बना रही हो. इसका असर बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है.

बच्चों में दिखने वाले लक्षण
- विशेषज्ञ बताते हैं कि बच्चों में थायरॉयड असंतुलन के लक्षण वयस्कों जैसे ही होते हैं, बस उनका इलाज थोड़ा अलग होता है.
- बच्चे चिड़चिड़े हो सकते हैं या स्वभाव में बदलाव आ सकता है.
- पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में मन कम लगना.
- बार-बार पेट दर्द की शिकायत.
- अधिक नींद आना या थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना.
- समय से पहले बड़ा दिखना और वजन तेजी से बढ़ना.
जांच और पहचान
- अगर ऐसे लक्षण दिखें तो बच्चे का TSH और T4 टेस्ट कराना जरूरी है. नवजात शिशुओं में हाथ, कलाई और घुटनों की जांच से भी हड्डियों के धीमे विकास का पता लगाया जा सकता है.
गर्भावस्था में क्यों जरूरी है जांच?
गर्भावस्था के दौरान महिला में थायरॉयड का असंतुलन गर्भपात का कारण बन सकता है, या फिर बच्चा मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर पैदा हो सकता है. इसलिए इस समय पर थायरॉयड लेवल की जांच बेहद जरूरी है.
कितनी आम है यह समस्या?
विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 10% जनसंख्या हाइपोथायरॉयडिज़्म से प्रभावित है. 40 साल की उम्र के बाद हर व्यक्ति को कम से कम एक बार थायरॉयड टेस्ट जरूर कराना चाहिए.
लोगों की गलतफहमियां
ज़्यादातर लोग मानते हैं कि थायरॉयड की वजह से ही वजन बहुत ज्यादा बढ़ता है, जबकि सच यह है कि वजन में सिर्फ 5–7 किलो का ही फर्क पड़ता है. इसके अलावा, बिना डॉक्टर की सलाह के थायरॉयड टेस्ट कराना या दवाइयां लेना भी ठीक नहीं है.
खतरे
थायरॉयड की समस्या समय पर ध्यान न देने पर बांझपन या नपुंसकता जैसी दिक्कतों का कारण भी बन सकती है.
- तेजी से वजन घटना
- गले में गांठ (घेंघा)
- गर्भावस्था में परेशानी
- शरीर में सूजन
- बच्चों में ग्रोथ रुकना
ये सभी संकेत थायरॉयड जांच की ओर इशारा करते हैं.
थायरॉयड की कमी (Hypothyroidism) के लक्षण
- वजन बढ़ना
- मांसपेशियों में दर्द
- त्वचा का सूखना और खुजली
- पैरों में झनझनाहट
- ठंड ज्यादा लगना
- ब्लड प्रेशर और नब्ज पर असर
- थायरॉयड बढ़ने (Hyperthyroidism) के लक्षण
- दिल की धड़कन तेज होना
- भूख बढ़ना
- हाथों में कंपकंपी
- ज्यादा पसीना आना
- आंखें उभरी हुई दिखना
- मांसपेशियों की कमजोरी
- ध्यान रखें
- गले में अगर गांठ है तो तुरंत जांच कराएं.
Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.