Premanand Maharaj Ji Dr Ashish Sharma : वृंदावन के अत्यंत पूजनीय आध्यात्मिक गुरु, संत प्रेमानंद महाराज जी, इन दिनों गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के वजह से कड़ी चिकित्सा निगरानी में हैं. उन्हें पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) और किडनी फेल्योर जैसी पुरानी बीमारियां हैं. इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, महाराज जी अपनी भक्ति और सरल जीवन पर आधारित शिक्षाओं से लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. उनकी नियमित डायलिसिस प्रक्रिया उन्हें जीवन के इस दौर में सहारा दे रही है.
डॉ. आशिष शर्मा: किडनी देखभाल के माहिर
संत प्रेमानंद महाराज जी का इलाज उनकी नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. आशिष शर्मा के भरोसेमंद हाथों में है. डॉ. शर्मा ब्रजभूमि लौटकर समाज सेवा कर रहे हैं. उनका चिकित्सा क्षेत्र में काफी एक्सपीरिएंस है और इंटरनेशनल लेवल पर प्राप्त प्रशिक्षण उन्हें किडनी रोगों के एक्सपर्ट के रूप में स्थापित करता है.
डॉ. आशिष शर्मा ने इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल जैसे फेमस संस्थानों से MBBS और DNB की पढ़ाई पूरी की है. उन्होंने इटली के अंतरराष्ट्रीय रीनल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भी स्पेशल फेलोशिप की है. उन्हें दस साल से ज्यादा का एक्सपीरिएंस है और आज के समय में उन्हें किडनी के बेस्ट डॉक्टर के रूप में माना जाता है.
नेफ्रोलॉजी और डायलिसिस में समर्पण
संत और डॉक्टर के बीच का रिश्ता एक पेशेंट से कहीं ज्यादा गहरा है. डॉ. आशिष शर्मा, जो सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड हैं, हमेशा संत की जरूरतों को सबसे पहले देखते हैं. उनका कहना है कि संत प्रेमानंद महाराज जी की डायलिसिस की जरूरतें तुरंत पूरी होनी चाहिए, क्योंकि ये उनके जीवन के लिए बहुत जरूरी है.
PKD एक जेनेटिक डिसीज है जिसमें किडनी में धीरे-धीरे सिस्ट बनते हैं, जो अंततः में किडनी के काम करने की क्षमता को कम करता हैं. महाराज जी इस बीमारी से लंबे समय से जूझ रहे हैं और डॉ. शर्मा का इलाज उनकी जिंदगी बचाए रखने वाला साबित हो रहा है.
आध्यात्मिक प्रेरणा के स्रोत बने रहना
भले ही संत प्रेमानंद महाराज जी शारीरिक रूप से बीमार हैं, फिर भी वे अपने गहन आध्यात्मिक उपदेशों और सरल जीवन जीने की शिक्षा से हजारों लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. उनके गुरु और डॉक्टर के बीच ये सहयोग जीवन और भक्ति के बीच एक अनोखा सेतु है, जो बताता है कि चिकित्सा और आध्यात्मिकता एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं.

