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Smartphone Addiction: अगर नहीं छोड़ी स्मार्टफोन की लत, तो 2050 तक ऐसा हो जाएगा इंसानों का शरीर , जानिए AI मॉडल ‘सैम’ की भविष्यवाणी

Smartphone Addiction: आजकल हर कोई अपने फोन में व्यस्त रहता है. काम हो या मनोरंजन, सब कुछ स्मार्टफोन स्क्रीन पर ही होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिन भर फोन इस्तेमाल करने की यह आदत आपके शरीर पर कैसा असर डालती है? दरअसल, एक AI मॉडल ने खुलासा किया है कि अगले 25 सालों में स्मार्टफोन की लत कैसी दिखेगी.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: November 10, 2025 6:28:19 PM IST



Smartphone Addiction: स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन गए हैं. काम हो या मनोरंजन, इनके बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर यह लत जारी रही तो हमारे शरीर पर इसका क्या असर होगा? हाल ही में, एक स्टेप-ट्रैकिंग ऐप ने SAM नाम का एक मॉडल बनाया है. यह मॉडल दिखाता है कि अगर इंसान अपनी मौजूदा जीवनशैली नहीं बदलते हैं, तो 2050 तक हमारा शरीर कैसा दिख सकता है, और इसके नतीजे वाकई भयावह हैं.

2050 में एक “फोन एडिक्ट” कैसा दिखेगा?

  1. 2050 तक, स्मार्टफोन की लत हमारे शरीर को पूरी तरह से बदल सकती है. सबसे पहले, हमारी गर्दन आगे की ओर झुक जाएगी, हमारी पीठ गोल हो जाएगी, और हमारे कंधे झुक जाएंगे. इस स्थिति को “टेक नेक” कहा जाता है, जो लंबे समय तक मोबाइल फोन या लैपटॉप देखने से होती है. इससे गर्दन और पीठ में लगातार दर्द हो सकता है.

    एआई मॉडल सैम के सूजे हुए पैरों और टखनों को भी दर्शाता है. यह लंबे समय तक बैठे रहने और कम शारीरिक गतिविधि का परिणाम है. इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन रुक हो सकता है, जिससे वैरिकाज वेन्स और रक्त के थक्के जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं. पेट का बढ़ना, मोटापा और मांसपेशियों में कमजोरी भी आम हो जाएगी.

    इसके अलावा, सैम की लाल और थकी हुई आंखें, काले घेरे, पीली त्वचा और पतले बाल दिखाते हैं कि स्क्रीन की रोशनी और नींद की कमी हमारे चेहरे को कैसे प्रभावित कर सकती है. लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में सूखापन और जलन हो सकती है.

मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर

स्मार्टफोन की लत सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि मन पर भी असर डालती है. घंटों सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करने से हम धीरे-धीरे दूसरों से अलग-थलग पड़ जाते हैं. इससे तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याए बढ़ जाती हैं,जितना ज्यादा हम अपने फोन में डूबे रहते हैं, उतना ही ज्यादा हम वास्तविक दुनिया से दूर होते जाते हैं.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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