हरदोई से आलोक सिंह की रिपोर्ट
जागरूकता के साथ स्वास्थ्य विभाग ने दिया बचाव का संदेश विद्यालय प्रबंधन व शिक्षकों ने निभाई अहम भूमिका
Hardoi Medical Report: जनपद हरदोई में चल रहे फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 13 अगस्त को श्री डालसिंह मेमोरियल स्कूल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष जागरूकता एवं दवा वितरण कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी बच्चों को फाइलेरिया रोधी औषधि का सेवन कराया गया। चिकित्सकों ने बताया कि फाइलेरिया का कीटाणु किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में हो सकता है, लेकिन इस औषधि के सेवन से यह कीटाणु नष्ट हो जाता है और व्यक्ति इस घातक बीमारी से सुरक्षित रहता है।
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डॉ. चन्द्रभान कि अपील
कैंप के दौरान डॉ. चंद्रभान सिंह ने सभी लोगों से अपील की कि अभियान अवधि में प्रत्येक व्यक्ति को यह दवा जरूर लेनी चाहिए, ताकि बीमारी की जड़ को समाप्त किया जा सके। विद्यालय प्रबंधक अखिलेश सिंह ने बच्चों, अध्यापकों और कर्मचारियों को मलेरिया एवं फाइलेरिया रोधी दवा खाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम है।
इस मौके पर जीव वैज्ञानिक दयाशंकर, वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक विकास सिंह, मलेरिया निरीक्षक प्रमोद कुमार और मयंक गुप्ता मौजूद रहे। उन्होंने लोगों को फाइलेरिया और मलेरिया से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी, जैसे कि मच्छरदानी का उपयोग, घर के आसपास पानी का जमाव न होने देना और समय-समय पर जांच कराना। साथ ही, बीमारी के शुरुआती लक्षण पहचानकर तुरंत इलाज शुरू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
कैंप में हुआ दवाई का वितरण एवं सेवन
कार्यक्रम में बच्चों के अलावा शिक्षक, शिक्षिकाएं और विद्यालय के अन्य कर्मचारी भी शामिल हुए और सभी ने दवा का सेवन किया। इस अभियान में दवा वितरण और बच्चों को जागरूक करने में विद्यालय के स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मुकेश सिंह, विद्यालय की प्रधानाचार्य भूमिका सिंह, शिक्षिका लक्ष्मी देवी, विनीता त्रिवेदी, निकिता वर्मा, आरती वर्मा, कविता गुप्ता, अर्पिता सिंह और मंशा बाजपेई सहित कई शिक्षकों ने सक्रिय सहयोग दिया।
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत आयोजित यह कैंप न केवल दवा वितरण तक सीमित रहा, बल्कि इससे जुड़े जनजागरूकता संदेश भी बच्चों और शिक्षकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाए गए। स्वास्थ्य विभाग और विद्यालय प्रबंधन के इस संयुक्त प्रयास से उम्मीद की जा रही है कि फाइलेरिया और मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव के प्रति लोगों की जागरूकता और सहभागिता बढ़ेगी, जिससे जनपद को इन रोगों से मुक्त बनाने में मदद मिलेगी।

