Mahatma Gandhi Diet Plan: जैसा की आप सभी जानते हैं कि आज, 2 अक्टूबर है और आज के दिन भारत ही नहीं बल्की पूरे विश्व में खुशी मनाई जाती है. आपको बताते चलें कि भारत को आज़ादी दिलाने वाले महात्मा गांधी का जन्म आज ही के दिन 154 साल पहले हुआ था. यही एक खास वजह है कि यह दिन सभी भारतीयों के लिए बेहद खास है. इस साल गांधी जी की 154वीं जयंती है. अंग्रेजों से आज़ादी दिलाने में महात्मा गांधी के असाधारण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उनके संघर्षों की बदौलत ही आज हम आज़ादी की सांस ले पा रहे हैं. आज उनके जन्मदिन पर हम आपको बताएंगे कि महात्मा गांधी क्या खाते थे और क्या नहीं. उनका डाइट प्लान कैसा था.
दूध नहीं पीते थे गांधी जी
जहां गांधी जी ने देश को एक तरफ आजादी दिलाई तो वहीं उन्होंने एक अनोखी दिनचर्या और प्रभावी जीवनशैली में भी जिंदगी गुजारी. अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए, महात्मा गांधी ने दूध और नमक सहित कई चीज़ों से दूरी बना ली थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि स्वस्थ शरीर और मन के लिए हमेशा स्वस्थ भोजन की आवश्यकता पर ज़ोर देने वाले गांधी दूध को मांसाहारी भोजन मानते थे. इसलिए, उन्होंने गाय या भैंस के दूध से परहेज़ करने की कसम खाई थी. और जब उनकी तबीयत बिगड़ गई और डॉक्टर ने उन्हें दूध पीने की सलाह दी, तो उन्होंने बकरी का दूध पिया.
नमक से भी था परहेजव
नमक के मामले में, गांधीजी ने हमेशा नमक का सेवन सीमित रखा था. महात्मा गांधी को फल और सब्जियां बहुत पसंद थीं. उन्हें पता था कि उनमें प्राकृतिक नमक होता है, फिर भी वो अपने खाने में अतिरिक्त नमक डालने से बचते थे. उन्होंने 1911 तक नमक-मुक्त आहार लिया. हालांकि, समय के साथ, डॉक्टरों ने उन्हें नमक खाने की सलाह दी. 1920 के अंत तक गांधीजी ने अपने आहार में थोड़ा नमक शामिल किया, लेकिन तब भी वे बहुत कम नमक खाते थे. नमक खाने के बाद, गांधीजी को इसका महत्व समझ में आने लगा. परिणामस्वरूप, उन्होंने ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर लगाए गए कर का कड़ा विरोध किया. 1930 में, गांधीजी ने इस कर को हटाने के लिए दांडी मार्च का नेतृत्व किया, जिसने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
क्या-क्या खाते थे गांधी जी
महात्मा गांधी अपने आहार के साथ लगातार प्रयोग करते रहते थे. कभी नमक तो कभी दाल बिल्कुल नहीं खाते थे. उनके आहार में अंकुरित गेहूँ, स्वीट कॉर्न, कुटी हुई हरी पत्तियाँ, छह खट्टे नींबू और दो औंस शहद का मिश्रण शामिल था. वे अपना पहला भोजन सुबह 11 बजे और दूसरा शाम 6:15 बजे करते थे. इसके अलावा, गांधीजी हमेशा पानी उबालकर पीते थे.