Viagra of China: सोशल मीडिया की दुनिया में एक नया चमत्कार देखने को मिल रहा है. दरअसल, यहां के लोग एक खास काली राख पीते देखे गए, जिसे “कमल के पत्ते का कोयला” या चीनी में “हे ये तान” कहा जाता है. खास बात ये है कि ये अमृत मिट्टी से बना है. वहीं अब ये जवानी की कमज़ोरी का राज़ बन गया है. इसके वीडियो फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पर लाखों बार देखे जा रहे हैं, और लोग दावा कर रहे हैं कि एक चम्मच इसे पीने से थकान दूर होती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और वज़न भी नियंत्रित रहता है. लेकिन क्या यह सचमुच एक चमत्कार है या एक जोखिम भरा चलन?
जानिये इस काले सोने के बारे में
ये चमत्कारी राख कमल के पत्तों को एक विशेष विधि से चारकोल में बदला जाता है. यह प्रक्रिया गर्मियों में तालाब की मिट्टी से ताज़े कमल के पत्तों को तोड़कर शुरू होती है. इन्हें धूप में सुखाया जाता है, फिर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर मिट्टी के मिश्रण से भरे एक बंद बर्तन में रखा जाता है. फिर बर्तन को आग पर कई घंटों तक तब तक भूना जाता है जब तक कि पत्ते काले और कुरकुरे न हो जाएं. ऑक्सीकरण को रोकने के लिए यह बंद करना ज़रूरी है, वरना औषधीय गुण नष्ट हो जाते हैं. अंत में, काले चारकोल को बारीक पीसकर चूर्ण बनाया जाता है. इसे “काला सोना” कहा जाता है क्योंकि यह विष को प्रभावी रूप से सोख लेता है. सेवन करने के लिए, 3-10 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी में घोलकर, कभी-कभी शहद के साथ, सेवन किया जाता है.
फायदे जान रह जाएंगे हैरान
वैसे तो इसका मुख्य लाभ रक्तस्राव को रोकना है. चारकोल प्रक्रिया फ्लेवोनोइड्स को सक्रिय करती है, जो गर्मी से संबंधित नाक से खून आना, खूनी उल्टी या अनियमित मासिक धर्म को नियंत्रित करते हैं. लेकिन, एक वायरल चलन के कारण युवा इसे ऊर्जा बढ़ाने वाले के रूप में ले रहे हैं. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह पुरुषत्व को भी बढ़ाता है. जानकारी के अनुसार, यह प्लीहा यांग को मजबूत करता है, पाचन में सुधार करता है और गर्मी और उमस के कारण होने वाले दस्त को कम करता है.