Sex Na Krne Ke Nuksan: आजकल यह बताना मुश्किल है कि किसने सेक्स किया है और किसने नहीं. क्या आपको भी लगता है कि कुंवारा रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है? बुज़ुर्ग लोग अब भी मानते हैं कि शादी के बाद बीमारी का खतरा कम हो जाता है.दरअसल, हर व्यक्ति की कुछ मनोवैज्ञानिक जरूरतें होती हैं. अगर ये पूरी न हों, तो गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, खाना, घर और नींद जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं. इसी तरह, मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोवैज्ञानिक जरूरतों को पुरा करना जरूरी है.
रिसर्च के अनुसार
शोध बताते हैं कि सेक्स पुरुष की मनोवैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करता है. अगर कोई पुरुष कभी सेक्स नहीं करता, तो यह उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. कभी सेक्स न करना शराब या धूम्रपान से भी ज्यादा हानिकारक हो सकता है. ऐसे व्यक्ति को अवसाद या प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा हो सकता है. मनोवैज्ञानिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सेक्स करना आपको थोड़ा अजीब लग सकता है. लेकिन यह भी एक शारीरिक इच्छा है, जैसे खाना या सोना. आइए इस पर विशेषज्ञों की राय को समझतें हैं.
अवसाद बढ़ सकता है (Depression)
सेक्स एक प्राकृतिक तनाव निवारक है. सेक्स आपके तनाव को कम करता है. अगर आप इससे भागतें रहते हैं, तो कुछ समय बाद आपका तनाव का स्तर बढ़ सकता है. दरअसल, संभोग के दौरान मस्तिष्क में सुखद अनुभूति देने वाले रसायन निकलते हैं, जो तनाव कम करने में मदद करते हैं.
हार्मोनल असंतुलन (hormonal imbalance)
शरीर में हार्मोनल संतुलन के लिए सेक्स जरूरी है. अगर आप सेक्स नहीं करते, तो आपको हार्मोनल असंतुलन का अनुभव हो सकता है, जिससे अन्य भावनात्मक समस्याएं हो सकती हैं. मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन आम हैं.
कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Weak immunity)
नियमित रूप से सेक्स करने वालों की तुलना में, जो लोग सेक्स नहीं करते, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी सिस्टम 30 से 40 प्रतिशत कम होती है. ये लोग अक्सर सर्दी, बुखार और खांसी जैसी मौसमी बीमारियों से प्रभावित होते हैं.अगर आप प्यार भरे पलों का आनंद नहीं ले रहे हैं, तो आपके शरीर में हार्ट को स्वस्थ रखने वाले हार्मोन का स्राव कम हो जाता है. ऐसे लोगों को हृदय संबंधी समस्याएं होने का भी खतरा होता है.
मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है (Mental health may deteriorate)
सेक्स मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक टॉनिक है. सेक्स के दौरान निकलने वाले सुखद अनुभव देने वाले रसायन एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन व्यक्ति को खुश रखते हैं. अगर आप अपने साथी के साथ इन सुखद पलों का अनुभव नहीं करते हैं, तो आपका मूड खराब हो सकता है. इससे तनाव बढ़ सकता है और आप चिड़चिड़े भी हो सकते हैं.
प्रोस्टेट कैंसर का खतरा
बार-बार स्खलन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को भी कम करता है. जो पुरुष महीने में 15 से 20 बार स्खलन करते हैं, उनमें प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना उन लोगों की तुलना में कम होती है जो कभी सेक्स नहीं करते. सेक्स न केवल स्पर्म को शरीर से बाहर निकालता है, बल्कि हानिकारक रसायन भी छोड़ता है. अगर ये शरीर में रह जाए तो कैंसर का रूप ले सकते हैं. इसलिए, सेक्स न करने से न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. पुरुष शुक्राणु में मेलाटोनिन, सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन जैसे मूड-बूस्टिंग यौगिक होते हैं. इन यौगिकों के न निकलने से दुष्प्रभाव हो सकते हैं.