Causes of Erectile Dysfunction: स्ट्रेस और भागदौड़ वाले लाइफस्टाइल के बीच पुरुषों में यौन समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. इन यौन समस्याओं में सबसे ज्यादा गंभीर इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें यौन संबंध बनाने के दौरान पुरुष का प्राइवेट पार्ट यानी पेनिस पूरी तरह से सख्त नहीं हो पाता या है ज्यादा समय तक नहीं रह पाता है. हालांकि, यह समस्याएं शुरुआत में बहुत छोटी लगती हैं, जिसे कुछ लोग नजरअंदाज भी कर देते हैं. लेकिन, एक समय के बाद यह सेक्स लाइफ को पूरी तरह बर्बाद कर देती है.
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या होता है और इसके पीछे की क्या-क्या वजह हैं, इस बारे में नामी सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. अमित जोशी ने एक पॉडकास्ट में बताया है.
क्या होता है इरेक्टाइल डिसफंक्शन?
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या तब होती है जब प्राइवेट पार्ट में ठीक तरह से ब्लड का सर्कुलेशन नहीं होता. इसके साथ ही जब बिस्तर पर परफॉर्म यानी इंटरकोर्स, मास्टरबेशन और सेक्सुअल थॉट के दौरान प्राइवेट पार्ट रिस्पांस नहीं देता तो इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन माना जाता है.
क्यों होता है इरेक्टाइल डिसफंक्शन?

इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Reason of Erectile Dysfunction) के पीछे फिजिकल, मेंटल और हार्मोनल कोई भी वजह हो सकती है. लेकिन, कुछ ऐसी चीजें हैं जो खासतौर पर एक समय के बाद इरेक्टाइल डिसंफ्क्शन यानी नपुंसकता की तरफ ले जाती हैं.
स्मोकिंग और एल्कोहल
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि स्मोकिंग और एल्कोहल से शरीर पर नेगेटिव असर पड़ता है. स्मोकिंग और एल्कोहल, दोनों ही शरीर में ब्लड फ्लो को कम करते हैं. जिसकी वजह से इरेक्शन में दिक्कत आने लगती है.
साइकोलॉजिकल स्ट्रेस और तनाव
तनाव किसी भी वजह से हो सकता है और यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन की वजह से बन सकता है. क्योंकि, स्ट्रेस और तनाव में दिमाग ठीक से काम नहीं करता है. वहीं, जब दिमाग काम ठीक से नहीं करेगा तो वह शरीर को क्या कमांड देगा और कितना ही उत्तेजित हो पाएगा.
हार्मोनल समस्या
सेक्स लाइफ खराब होने के डर से कई लोग बाजार से तरह-तरह की दवाइयां और वियाग्रा लेकर खाने लगते हैं. जिसकी वजह से शरीर में कई तरह हार्मोन्स डेवलप होने लगते हैं. हार्मोनल इम्बैलेंस (Hormonal Imbalance) की वजह से भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है.
मोटापा और डायबिटिज
मोटापा और डायबिटिज भी सेक्स लाइफ को बर्बाद करने और इरेक्टाइल डिसफंक्श के पीछे की वजह होते हैं. अगर फिजिकल एक्टिविटी कम होती है और ब्लड में शुगर का लेवल ज्यादा होता है तब ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर आता है.
Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.