IPS Suicide Case: IPS वाई पूरन कुमार (Y Puran Kumar) की आत्महत्या के सातवां दिन है.अभी तक वाई पूरन कुमार की बॉडी का पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. परिवार लगातार न्याय की मांग कर रहा है. वहीं आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या के मामले को लेकर रविवार को चंडीगढ़ में महापंचायत हुई. दिवंगत आईपीएस अधिकारी की पत्नी अमनीत पी. कुमार के सेक्टर 11 स्थित आवास पर दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ बैठक हुई.
चंडीगढ़ पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर TOI बताया कि एफआईआर में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कड़ी धाराएं लगाए जाने के बाद, आईएएस अधिकारी के परिवार को चंडीगढ़ पुलिस से कोई समस्या नहीं है, और अब परिवार और हरियाणा सरकार के बीच आम सहमति की ज़रूरत है.
SSP कंवरदीप कौर ने क्या कहा?
चंडीगढ़ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कंवरदीप कौर ने कहा कि पुलिस ने एफआईआर में एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2)(v) लगाई है. यह धारा उन व्यक्तियों को दंडित करने के लिए है, जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य/सदस्यों के विरुद्ध 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध करते हैं.
धाराओं में संशोधन की मांग
इससे पहले मृतक पुलिसकर्मी की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने पुलिस को लिखा था कि “एफआईआर में एससी/एसटी अधिनियम की कमजोर धाराओं में संशोधन किया जाना चाहिए” और धारा 3(2)(v) इस मामले में “उपयुक्त धारा” है.
नहीं मिली पोस्टमार्टम की सहमति
सूत्रों से पता चला है कि चंडीगढ़ पुलिस पीजीआईएमईआर में पोस्टमॉर्टम करने के लिए तैयार थी, और डॉक्टरों की टीम और अन्य अधिकारियों को सुबह 9 बजे के आसपास पोस्टमार्टम के लिए तैयार रहने का संदेश दिया गया था. एसएसपी फिर से अमनीत के घर पहुंचे और सुबह पोस्टमार्टम के लिए सहमति पत्र पर उनके हस्ताक्षर लेने की कोशिश की. चार घंटे से अधिक समय तक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें मनाने की कोशिश करने के बाद, परिवार ने सहमति नहीं दी, और एसएसपी दोपहर लगभग 2 बजे घर से चले गए.
कहां रखा गया है शव?
शव अभी भी पीजीआईएमईआर के उन्नत शव परीक्षण केंद्र के फ्रीजर में रखा है. दूसरी ओर चंडीगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शव परीक्षण में देरी के कारण महत्वपूर्ण सबूत नष्ट हो सकते हैं, जिससे पुलिस जांच प्रभावित हो सकती है. उस मामले में कानून में प्रावधान है कि पुलिस न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में परिवार की सहमति के बिना शव परीक्षण कर सकती है.
हालांकि अधिकारी ने कहा कि इस मामले में परिवार की मंजूरी के बिना पुलिस का शव परीक्षण करने की कोई योजना नहीं है.राजनेताओं का आना जारी रविवार को राजनीतिक दलों के विभिन्न नेताओं ने अमनीत पी कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की. हरियाणा के राज्यपाल आशिम घोष, पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह, जेजेपी के अजय चौटाला और अन्य राजनेताओं ने हाल ही में विधवा हुई आईएएस अधिकारी से उनके प्रति संवेदना और एकजुटता व्यक्त की.
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महापंचायत में क्या निर्णय लिया गया?
चंडीगढ़ प्रशासन और हरियाणा सरकार को 48 घंटे का समय दिया गया. घोषणा की गई कि अगर 48 घंटे के भीतर शत्रुघ्न कपूर को हरियाणा के डीजीपी पद से नहीं हटाया गया, तो दलित पूरे राज्य में सड़कों पर उतरेंगे. महापंचायत में लिए गए निर्णयों पर गुलाबचंद कटारिया को ज्ञापन देने जा रहे लोगों को पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान हल्की बहस हुई.