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हरियाणा IPS आत्महत्या मामले में आया एक और ट्वि्स्ट, मुख्य सचिव और DGP को किसने जारी किया नोटिस

हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग ने वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार (Y Puran Kumar) की आत्महत्या को जातिगत उत्पीड़न का (Caste Opperssion) गंभीर मामला मानते हुए संज्ञान लिया है. आयोग ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव और DGP से SC-ST एक्ट के तहत सात दिन में विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (ATR) मांगी है और साथ ही कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.

By: DARSHNA DEEP | Published: October 25, 2025 12:34:39 PM IST



Senior IPS Officer Suicide Case:  हरियाणा के वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामला अब एक गंभीर प्रशासनिक और सामाजिक विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है. जिसमें हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने अब पूरी तरह से है अपना हस्तक्षेप किया है. 

मामले में अनुसूचित जाति आयोग का हस्तक्षेप 

1. घटना पर संज्ञान और कठोर नोटिस

हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस पूरी घटना पर अब खुद से संज्ञान लेते हुए सख्त जांच के निर्देश दिए हैं. चंडीगढ़ प्रशासन के मुख्य सचिव (Chief Secretary) और पुलिस महानिदेशक (DGP) को सात दिन के अंदर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट (Action Taken Report – ATR) जमा करने का कड़ा नोटिस भी जारी किया गया है. 

2. जातिगत भेदभाव का लगाया गया आरोप 

आयोग ने इसे सिर्फ आत्महत्या नहीं, बल्कि जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघन से जुड़ा एक गंभीर मामला भी बताया है जिसपर कार्रवाई की जा रही है. 

3. अंतिम नोट का दिया गया हवाला

दिवंगत अधिकारी के फाइनल नोट का हवाला देते हुए हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने यह भी कहा कि वह अनुसूचित जाति समुदाय से थे और लंबे समय से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जातिगत प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान का सामना कर रहे थे, जिसकी वजह से अब पुलिस महानिदेशक को आखिरी नोट का हवाला दिया गया है. 

4. SC-ST एक्ट के उल्लंघन की जताई आशंका 

इस अलावा  आयोग ने यह भी बताया कि यदि ये तथ्य सही पाए जाते हैं, तो यह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (SC-ST Act, 1989) का स्पष्ट उल्लंघन के रूप में माना जाएगा. 

5. पत्नी के सनसनीखेज आरोप से मचा हड़कंप

दिवंगत अधिकारी की आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उनके पति को जानबूझकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और साथ ही आत्महत्या के लिए उकसाया भी गया. फिलहाल, आयोग ने इसे ‘अत्याचार और षड्यंत्र’ का गंभीर मामला बताते हुए कड़ी कार्रवाई की है. 

6. आयोग द्वारा मांगी गई विशिष्ट जानकारी

एफआईआर किन धाराओं और किन व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई है, क्या आरोपित अधिकारियों को नामजद (Named) या गिरफ्तार किया गया है या फिर नहीं.  क्या जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है, और जांच में देरी की असली वजह क्या है इन सब के पीछे गंभीरता से जांच की जा रही है. 

7. SC-ST एक्ट का सख्ता से करना होगा पालन

आयोग ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि SC-ST अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(v) समेत सभी प्रासंगिक धाराओं को पूरी कठोरता से लागू किया जाए. पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा नियमित जांच रिपोर्ट हर 15 दिन में आयोग को भेजी जनी चाहिए, ताकी कार्रवाई की पारदर्शिता बनी रहे.

8. व्यक्तिगत समन की दी गई कड़ी चेतावनी

तो वहीं, आयोग ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सात दिनों के अंदर रिपोर्ट नहीं मिली, तो एचएसएससी एक्ट, 2018 की धारा 9 के तहत संबंधित अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से तलब (Personally Summoned) भी किया जाएगा. 

अगर आप भी आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे हैं तो बचने के लिए नीचे दिए गए हेल्पनाइन नंबर का ज़रूर इस्तेमाल करें और अपने दोस्तों, परिजन या फिर प्रियजनों को आत्महत्या करने से रोकने पर मदद करें. 

 राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन: 1800-599-0019

यह 24 घंटे की हेल्पलाइन है, जहां आप कभी भी कॉल कर सकते हैं और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में बातचीत कर सकते हैं. 

सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन: 9152987821

यह नंबर आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे लोगों के लिए खास रूप से बनाया गया है, यहां प्रशिक्षित काउंसलर आपकी बात सुनेंगे और साथ ही आपकी मदद भी करेंगे.

मनोदर्पण हेल्पलाइन (स्कूल और कॉलेज के लिए): 8448443532

यह हेल्पलाइन छात्रों के लिए है, जहां वे तनाव, अवसाद, और आत्महत्या के विचारों के बारे में बात करके आपकी सहायता करेंगे. 

आयुष्मान हेल्पलाइन: 14546

यह भी एक महत्वपूर्ण हेल्पलाइन है, जहां मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिए आपको बेहद ही आसानी से सहायता मिलेगी.

चाइल्डलाइन इंडिया: 1098

यह नंबर बच्चों और किशोरों के लिए है, जहां वे अपनी समस्याओं के लिए मदद प्राप्त कर सकते हैं.

इन नंबरों को हमेशा अपने पास रखें और जरूरत पड़ने पर तुरंत संपर्क करें. आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं, तो कृपया किसी विश्वसनीय व्यक्ति या इन हेल्पलाइनों से संपर्क करने में अपनी मदद ज़रूर लें. 

फिलहाल, यह मामला अब हरियाणा के प्रशासनिक और पुलिस ढांचे में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न की संस्कृति पर एक बार फिर से कई गंभीर सवाल खड़े कर देता है. 

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