Riot Free State: जैसा की आप सभी जानते हैं कि भारत सालों से सांप्रदायिक दंगों और सामाजिक तनावों का सामना कर रहा है. वहीं अब ये दंगे लगातार बढ़ते जा रहा है. भारत के किसी भी राज्य में किसी भी समय किसी न किसी मुद्दे को लेकर दंगा भड़क जाता है. चाहे बड़े पैमाने पर दंगे हों या स्थानीय संघर्ष, ऐसी घटनाओं ने अक्सर देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को प्रभावित किया है. लेकिन आज हम आपको भारत के एक ऐसे राज्य के बारे में बताने जा रहे हैं. जहां कभी कोई दंगा नहीं हुआ और कभी कोई हिंसा भी नहीं भड़की. यह राज्य है सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप. आइए जान लेते हैं इसके बारे में.
इस राज्य में नहीं भड़कती हिंसा
आपको बता दें भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश, लक्षद्वीप की आबादी सिर्फ 70,000 है. अपनी छोटी आबादी की वजह से ही, इस राज्य में अंतर-धार्मिक संबंध मज़बूत हैं, जिससे यहां हमेशा शांति बनी रहती है. वहीं दूसरी तरफ, सिक्किम एक विरल आबादी वाला इलाका है, और दोनों ही क्षेत्र अलग अलग धार्मिक और जातीय समूहों के बीच सह-अस्तित्व का एक प्रमुख उदाहरण हैं. अपनी विशाल नेपाली, लेप्चा और भूटिया आबादी के बावजूद, सिक्किम सांप्रदायिक सम्मान और संस्कृति की एक मज़बूत भावना को बनाए रखता है. यहां लोग शांतिपूर्ण ढंग से सारे कार्य कर लेते हैं.
इस वजह से नहीं होता दंगा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शांति बनाए रखने के लिए प्रभावी शासन काफी ज़रूरी है. लक्षद्वीप में हिंसा इसलिए नहीं भड़कती क्योंकि यहां प्रशासन शिकायतों का तुरंत समाधान करता है, और सिक्किम में शिक्षा और समान विकास पर केंद्रित नीतियां सामाजिक समरसता को मज़बूत कर रही हैं. इतना ही नहीं इन दोनों क्षेत्रों की आर्थिक नींव सामाजिक शांति में अहम योगदान देती है. लक्षद्वीप मुख्य रूप से मछली पकड़ने, नारियल की खेती और पर्यटन पर आधारित है, जबकि सिक्किम की अर्थव्यवस्था पर्यटन और जैविक खेती पर निर्भर है. वहीं सिक्किम का पहाड़ी इलाका भी एक बाधा का काम करता है. और बाहरी हमलों को बखूबी रोक लेता है.