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महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करना कितना गलत, क्या हो सकती है सजा? बुरे फंसे कथावाचक अनिरुद्धाचार्य

Aniruddhacharya Controversy: कई लोग ऐसे हैं जो अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं उनमे से एक वृंदावन के जाने-माने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य भी हैं. ये अक्सर अपने विवादित बयानों और अनोखे अंदाज़ के चलते चर्चाओं में रहते हैं. वहीं अब ये एक बार फिर अपने हालिया बयानों की वजह से सुर्ख़ियों में हैं.

By: Heena Khan | Last Updated: December 11, 2025 12:45:20 PM IST



Aniruddhacharya Controversy: कई लोग ऐसे हैं जो अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं उनमे से एक वृंदावन के जाने-माने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य भी हैं. ये अक्सर अपने विवादित बयानों और अनोखे अंदाज़ के चलते चर्चाओं में रहते हैं. वहीं अब ये एक बार फिर अपने हालिया बयानों की वजह से सुर्ख़ियों में हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले, अनिरुद्धाचार्य ने महिलाओं के बारे में अभद्र टिप्पणी कर डाली थी. इसके बाद, अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ज़िला अध्यक्ष मीरा राठौर ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने आपत्तिजनक बयान के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वो कोर्ट गईं. जानकारी के मुताबिक अब इस मामले में अगली सुनवाई 1 जनवरी को होनी है, जब शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं अगर कोई शख्स महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी करे तो उसे क्या सजा मिलती है और क्यों? वहीं आज हम आपको महिलाओं के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने पर मिलने वाली सज़ाओं के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि क्या अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ भी कोई एक्शन लिया जाएगा या नहीं.

यहां जानें पूरा मामला 

आपकी जानकारी के लिए बता दें अक्टूबर में, अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ. जिस वीडियो में उन्होंने कहा था कि आजकल बेटियां 25 साल की उम्र में शादी करती हैं, और तब तक उनके कई पुरुषों के साथ संबंध बन चुके होते हैं. इस बयान से गुस्सा और विरोध प्रदर्शन हुए. मीरा राठौर के मुताबिक, उन्होंने इस बयान के बारे में वृंदावन पुलिस स्टेशन और SP ऑफिस में कई शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद, उन्होंने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में एक याचिका दायर की. कोर्ट ने याचिका को सही माना और अब धार्मिक उपदेशक के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जिससे अनिरुद्धाचार्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जानकारी के मुताबिक, संत समुदाय ने भी मीरा राठौर द्वारा की गई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया दी. संत समुदाय ने कहा कि व्यास पीठ एक सम्मानित संस्था है, और उस मंच से महिलाओं के खिलाफ ऐसे शब्द पूरी तरह से गलत है.

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महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों से जुड़े कानून 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के सभी मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के तहत आते हैं, जो शब्दों, इशारों, या किसी भी ऐसे काम को अपराध मानता है जो किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाता है. भारतीय दंड संहिता की धारा 79 के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की गरिमा का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द कहता है, कोई आवाज़ या इशारा करता है, कोई वस्तु दिखाता है, या उसकी निजता में दखल देता है, तो इसे अपराध माना जाता है. धारा 79 के तहत, ऐसा करने वाले व्यक्ति को 3 साल तक की साधारण कैद और जुर्माना भी हो सकता है. धारा 79 एक संज्ञेय और जमानती अपराध है. इस मामले की सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है.

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