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जंग, भुखमरी से है ग्रस्त फिर भी इस देश में 3 करेंसियों का होता है इस्तेमाल; जानिए वजह?

Palestine Currency History : फ़िलिस्तीन की अपनी कोई राष्ट्रीय मुद्रा नहीं है. यह एक स्वतंत्र और संप्रभु देश नहीं है. इसलिए, यह अपनी मुद्रा छापने और नियंत्रित करने में असमर्थ है.

By: Shubahm Srivastava | Last Updated: September 24, 2025 10:05:15 PM IST



Palestine 3 Currency: इस समय दुनिया भर में इज़राइल-गाज़ा युद्ध को लेकर हल्ला मचा हुआ है. वहीं बितते समय के साथ, फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने वाले देशों की संख्या बढ़ रही है, जो इज़राइल के लिए अच्छी खबर नहीं है. ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल के बाद अब फ्रांस ने भी फ़िलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने को मंज़ूरी दे दी है. गौरतलब है कि ये सभी देश इज़राइल के सहयोगी हैं.

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGC) में बोलते हुए, फ्रांस ने कहा, “हमें शांति का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए” और मान्यता के मुद्दे को हमास की हार बताया. वहीं दूसरी तरफ इज़राइली राजदूत डैनी डैनॉन ने कहा कि उनकी सरकार इस पर प्रतिक्रिया देगी. लेकिन क्या आपको इस बात की जानकारी है कि कई तरह के संघर्षों से जूझने के बाद भी फिलिस्तीन में 3 तरह की करंसी का इस्तेमाल होता है. चलिए जानते हैं. 

फिलिस्तीन में 3 तरह की करंसी का इस्तेमाल

यह ध्यान देने योग्य है कि फ़िलिस्तीन की अपनी कोई आधिकारिक मुद्रा भी नहीं है. हाल ही में, पश्चिमी तट और गाज़ा पट्टी में तीन अलग-अलग मुद्राएं प्रचलित हुई हैं, जिनमें इज़राइली शेकेल (ILS), अमेरिकी डॉलर (USD), और जॉर्डनियन दीनार (JOD).

हालाँकि इज़राइली शेकेल का इस्तेमाल समझ में आता है, लेकिन जॉर्डनियन दीनार के इस्तेमाल का कारण यह है कि 1948 में जब इज़राइल बना, तब पश्चिमी तट पर जॉर्डन का कब्ज़ा था. जॉर्डनियन दीनार को वहाँ की आधिकारिक मुद्रा बना दिया गया. इस तरह, लोग इसके इस्तेमाल के आदी हो गए. 1967 में इज़राइल ने पश्चिमी तट पर कब्ज़ा कर लिया, लेकिन दीनार का इस्तेमाल बंद नहीं हुआ.

जॉर्डनियन दिनार को मजबूत और स्थिर मुद्रा माना जाता है. वेस्ट बैंक के लोग बचत, सम्पत्ति खरीदी और बड़े लेन-देन के लिए इसी मुद्रा का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. इजराइली करंसी पर उनका भरोसा कम है

तीन तरह की करंसी चलन के पीछे की वजह

जैसा कि ऊपर बताया गया है, फ़िलिस्तीन की अपनी कोई राष्ट्रीय मुद्रा नहीं है. यह एक स्वतंत्र और संप्रभु देश नहीं है. इसलिए, यह अपनी मुद्रा छापने और नियंत्रित करने में असमर्थ है. फ़िलिस्तीन लंबे समय से गरीबी से जूझ रहा है. इसकी अर्थव्यवस्था विदेशी सहायता पर निर्भर है, जो डॉलर के रूप में आती है. अमेरिका, यूरोप, संयुक्त राष्ट्र और अन्य संस्थाएं डॉलर में सहायता भेजती हैं. एक वैश्विक मुद्रा के रूप में, यहां के व्यवसाय वस्तुओं के आयात और निर्यात के लिए डॉलर का उपयोग करते हैं. डॉलर की स्थिरता और विश्वसनीयता भी इसका एक महत्वपूर्ण कारक है.

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