Home > जनरल नॉलेज > 12 नहीं इस देश में होते हैं 13 महीने, सबसे अनोखा है दुनिया की ये कोना; जानें क्या है इसके पीछे की वजह?

12 नहीं इस देश में होते हैं 13 महीने, सबसे अनोखा है दुनिया की ये कोना; जानें क्या है इसके पीछे की वजह?

Unique Countries: दुनिया में एक ऐसा देश मौजूद हैं जहां 12 नहीं बल्कि 13 महीने होते हैं. आइए बताते हैं इस अनोखे देश के बारे में...

By: Preeti Rajput | Published: October 17, 2025 10:19:14 AM IST



Ethiopia: क्या आपको ऐसे देश के बारे में पता है जो अभी 2017 में जी रहा है. यहां हर सितंबर में नया साल मनाया जाता है. यहां के कैलेंडर में भी 12 की जगह 13 महीने होते हैं. इथियोपिया (Ethiopia) दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां प्राचीन गीज या इथियोपियाई (Ethiopian Calender) कैलेंडर माना जाता है. वहीं बाकी दुनिया ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से चलती है. इथियोपिया का यह कैलेंडर 
लगभग 7-8 साल पीछे है. 

क्यों होते हैं इस देश में 13 महीने? 

इथियोपियाई गीज कैलेंडर ( Ge’ez calendar) का पालन करता है. इसमें 13 महीने होते हैं. 30 दिन के 12 महीने और एक अतिरिक्त महीना इसमें होता है. इस महीने को पगुमे कहा जाता है. जिसमें हर साल के 5 दिन और बाकि लीप वर्ष के 6 दिन होते हैं. इस देश के कैलेंडर में एक और खास बात है, बाकी ईसा मसीह का जन्म एक ईस्वी में मनाते हैं. लेकिन इथियोपियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च का मानना है कि उनका जन्म लगभग सात ईसा पूर्व हुआ था. इस गणना की कारण यह देश आज भी लगभग 12 साल पीछे चल रहा है. जहां बाकी दुनिया 2025 में जी रही है, वहीं यह देश 2017 में जी रहा  है. 

बीच रास्ते ट्रेन से उतार दिए थे नीम करोली बाबा, हुआ ऐसा चमत्कार मांगनी पड़ी थी माफी; कैसे मिली नई पहचान?

इस महीने में मनाया जाता है नया साल 

यहां नया साल (Ethiopian New Year) एनकुटाताश को मनाया जाता है. जिसका अर्थ होता ‘रत्नों का उपहार’. जो हर साल 11 सितंबर को मनाया जाता है. वहीं लीप वर्ष में यह 12 सितंबर को होता है. इसके साथ ही यहां क्रिसमस भी 25 दिसंबर की जगह 7 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन को गेन्ना के नाम से भी बुलाते हैं.  दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में दिन की शुरुआत रात के 12:00 बजे से होती है. लेकिन इस देश में नए दिन की शुरुआत सुबह 6:30 बजे से होती है. उनकी घड़ी लगभग बाकी दुनिया से 6 घंटे पीछे है. इथियोपिया एकमात्र ऐसा देश है जो जिस पर कभी किसी यूरोपीय शक्ति का उपनिवेश नहीं रहा है. यहां की अलग-अलग संस्कृतियां इसे बाकी देशों से भिन्न बनती है. पना अलग कैलेंडर होने के बावजूद यह देश गीज और ग्रेगोरियन दोनों कैलेंडरों का भी इस्तेमाल करता है. वहीं यहां के लोग त्योहार, जन्मदिन और खेती में गीज‌ कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है. 

Diwali Bonus: भारत में कैसे शुरू हुई ‘दिवाली बोनस’ की परंपरा, किसने की थी इन खुशियों की शुरुआत?

Advertisement