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Begum Wilayat Mahal: मालचा महल में अपनी जान दे चुकी बेगम विलायत महल का क्या था पाकिस्तान कनेक्शन?

Begum Wilayat Mahal Pakistan Connection: मालचा महल में करीब 8 साल रह चुकीं बेगम विलायत महल का पाकिस्तान से कनेक्शन था। उनका अवध के नवाब से कोई लेना देना नहीं था।

By: Sohail Rahman | Published: September 7, 2025 12:25:33 PM IST



Malcha Mahal Inside Story: दिल्ली का मशहूर डरावना किला मालचा महल के अंदर की हकीकत क्या आप जानते हैं। अगर नहीं पता तो चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि मालचा महल एक तुगलक-युग का शिकारगाह है, जिसका निर्माण फिरोज शाह तुगलक ने करवाया था, जिन्होंने 1325 में दिल्ली सल्तनत पर शासन किया था। यह रायसीना हिल के आसपास के ऐतिहासिक गांवों में से एक मालचा में स्थित है। इस स्थान पर स्थित संपत्ति के इतिहास से ज्यादा यहां के निवासियों के जीवन ने लोगों का ध्यान खींचा है। इस जगह पर रहने वाला आखिरी परिवार विलायत महल, उनके बेटे अली रजा और बेटी सकीना महल थीं।

बेगम विलायत महल ने किया चौंकाने वाला दावा (Begum Wilayat Mahal made a shocking claim)

उनका दावा था कि वे अवध के शाही परिवार की सदस्य और नवाब वाजिद अली शाह की परपोती हैं। एक दशक तक, जब तक उन्हें अंततः बेदखल नहीं कर दिया गया, विलायत महल अपने बच्चों और एक दर्जन कुत्तों के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रहीं। उनका वहां रहने का उद्देश्य भारत सरकार को शर्मिंदा करके अपनी पैतृक संपत्ति वापस करवाना था, जिस पर उनके अनुसार अंग्रेजों ने अनुचित तरीके से कब्जा कर लिया था।

1985 में मालचा महल में रहना किया शुरू (Started living in Malcha Mahal in 1985)

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी विलायत महल के रेलवे स्टेशन पर रहने की स्थिति के बारे में जानने के बाद इस मामले में शामिल हो गईं। उन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री को उस महिला के लिए एक बेहतर आवास खोजने का आदेश दिया। मालचा महल उन कुछ घरों में से एक था, जिन्हें विलायत महल और उसके परिवार के रहने के लिए विचार किया गया था। अंततः वे 1985 में उस संपत्ति में रहने चले गए। फिर वो अपने बेटे और बेटी के साथ रहना शुरू कर देती है।

बेगम विलायत महल ने कर ली आत्महत्या (Begum Wilayat Mahal committed suicide)

मालचा महल आने के लगभग 10 साल बाद बेगम विलायत महल ने 1993 में 62 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली। उनके बाद, उनके परिवार के अन्य सदस्यों की भी एक-एक करके यहीं मृत्यु हो गई। इस परिवार में अंतिम मृत्यु 2017 में विलायत महल के बेटे अली रजा की हुई थी। तब से यह जगह वीरान है। कहा जाता है कि उनकी मृत्यु भूख से हुई थी। मृत्यु का पता भी लगभग एक महीने बाद चला। मालचा महल के बारे में कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद, जंगल के अंदर स्थित यह जगह बेहद वीरान हो जाती है। छत तक जाने वाली सीढ़ियां रात में एक डरावना अनुभव देती हैं। साथ ही, हिरण, बंदर, उल्लू और चमगादड़ की आवाजें रात में इस अनुभव को और भी डरावना बना देती हैं।

बेगम विलायत महल का क्या था पाकिस्तान कनेक्शन? (What was the Pakistan connection of Begum Wilayat Mahal?)

बेगम विलायत महल के पाकिस्तान कनेक्शन की बात करें तो मनी ट्रांसफर की रशीद से पता चला कि इंग्लैण्ड के शहर प्रेटफर्ट से एक चिट्ठी आई थी, जिसका पता लगाते-लगाते पत्रकार एलन इंग्लैण्ड पहुंच जाती है। जब उस स्थान पर एलन पहुंची तो उसे प्रिंस साइरस की शक्ल की तरह दिखने वाला एक व्यक्ति मिला, जो अपना नाम शाहिद बताता है। जिसके बारे में बताया जाता है कि वो प्रिंस साइरस का भाई था। इसके अलावा इन दोनों का भी एक बड़ा भाई था। जिसका नाम शलाउद्दीन जाहिद भट्ट है, जो पाकिस्तानी एयरफोर्स में विंग कमांडर था।

बेगम विलायत महल अपने परिवार के साथ पाकिस्तान हुई शिफ्ट (Begum Wilayat Mahal shifted to Pakistan with her family after partition)

अमेरिका में शिफ्ट हो चुकी शलाउद्दीन की बीवी ने बताया कि उसकी सास (बेगम विलायत महल) का क्लेम कि वो अवध के नवाब से परिवार से ताल्लुक रखती है वो एकदम झूठ था। लखनऊ यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार थे इनायतुल्लाह बट्ट, जिनकी बीवी का नाम (विलायत बट्ट) बेगम विलायत महल था। ये सभी भारत का बंटवारा होने से पहले भारत के लखनऊ में रहते थे। लखनऊ में एक दिन इनायतुल्लाह बट्ट को कुछ गुंडों ने घेरकर मारपीट की, जिसके बाद इनलोगों ने पाकिस्तान शिफ्ट होने का निर्णय लिया। वो लोग पाकिस्तान शिफ्ट तो हो गए लेकिन बेगम विलायत महल के दिल से लखनऊ नहीं निकला।

भारत ने दी शरण (India gave asylum) 

पाकिस्तान में इनायतुल्लाह बट्ट की मौत हो जाती है, जिसके बाद बेगम विलायत महल पाकिस्तान में कश्मीर की आजादी के लिए एक्टिविज्म शुरू कर दी, लेकिन पाकिस्तानी सरकार के लगातार टॉर्चर के बाद भारत से उन्होंने शरण देने की मांग की, इसके बाद भारत सरकार ने वीजा दे दिया। इस पर भारत सरकार ने कहा कि हर साल उनके वीजा का रिव्यू किया जाएगा कि उसे भारत में रहने देना है या नहीं? 

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