बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर (Karisma kapoor) के एक्स-हसबैंड और मशहूर बिजनेसमैन संजय कपूर (Sunjay Kapur) के अचानक जून 2025 में निधन के बाद उनकी छोड़ी हुई भारी-भरकम दौलत अब विवादों में फंस गई है. संजय की कुल संपत्ति करीब 30,000 करोड़ बताई जा रही है, जिसमें मशहूर कंपनी सोना कॉमस्टार (Sona Comstar) के शेयर्स भी शामिल हैं.
मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. एक ओर करिश्मा कपूर के बच्चे प्रॉपर्टी में अपना हिस्सा मांग रहे हैं और इस संदर्भ में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. वहीं, दूसरी ओर संजय की दूसरी पत्नी प्रिया और संजय की मां रानी अपना दावा ठोंक रही हैं. 9 अक्टूबर को इस मामले पर अगली सुनवाई होनी है.
दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान प्रिया कपूर ने करिश्मा के बच्चों पर सीधा सवाल उठाया. उनका कहना है कि बच्चों को पहले ही करीब 1900 करोड़ मिल चुके हैं, ऐसे में बार-बार हिस्सेदारी की मांग करना सही नहीं है. कोर्ट में प्रिया की ओर से कहा गया कि ये रकम ट्रस्ट और संपत्ति से बच्चों को पहले ही दी जा चुकी है.
बच्चों का पक्ष अलग
लेकिन, बच्चों का पक्ष अलग है. उनका कहना है कि प्रिया कपूर ने संजय कपूर की असली वसीयत को छुपा लिया है और एक झूठा दस्तावेज बनाकर पूरी दौलत अपने नाम करने की कोशिश की है. बच्चों ने अदालत से मांग की है कि उन्हें इस वसीयत की कॉपी दिखाई जाए ताकि साफ हो सके कि उनके पिता की आखिरी इच्छा क्या थी.
मां रानी कपूर ने भी दाखिल की अर्जी
सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि संजय की मां रानी कपूर ने भी अदालत में अर्जी दी है। उनका कहना है कि लगभग 10 हजार करोड़ की संपत्ति तो उनकी होनी चाहिए थी, लेकिन उन्हें इस मामले में बिल्कुल दरकिनार कर दिया गया है. उन्होंने कोर्ट में कहा कि उन्होंने कई बार प्रिया को ईमेल करके संपत्ति और वसीयत की जानकारी मांगी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख
इस पूरे मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने प्रिया कपूर को आदेश दिया है कि वो 12 जून 2025 (संजय की मौत की तारीख) तक की सारी संपत्तियों का पूरा ब्योरा कोर्ट में पेश करें. चाहे वो चल संपत्ति हो या अचल। कोर्ट ने यहां तक कहा कि अगर वसीयत की कॉपी सीधे बच्चों को दिखाना संभव नहीं है तो इसे गोपनीयता में रखा जा सकता है।
प्रिया के वकील का तर्क
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिया कपूर के वकील ने करिश्मा के बच्चों के दावों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि ‘वसीयत पंजीकृत नहीं थी, लेकिन यह ‘अमान्य’ नहीं थी। आगे वकील ने कहा कि कृपया मृतक की आत्मा के प्रति संवेदना रखें। मेरा (प्रिया) एक 6 साल का बच्चा है। मैं विधवा हूं। मैं उनकी आखिरी पत्नी हूं। करिश्मा पिछले 15 सालों में कहीं नजर नहीं आईं। ऐसा नहीं है कि इन लोगों को सड़कों पर छोड़ दिया गया है।’