भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में ग्लैमर और हिट गानों के नाम पर महिलाओं का सम्मान अक्सर कुचल दिया जाता है. पर्दे पर आप चमक देख सकते हैं, लेकिन असल जिंदगी में ये सितारे अक्सर महिला सम्मान और नैतिकता की सीमाओं को भूल जाते हैं.
पवन सिंह और खेसारी लाल यादव इस मामले में सबसे बड़े उदाहरण हैं. पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह (Jyoti Singh) ने हाल ही में मीडिया के सामने आकर कहा कि उनके साथ घर में और सार्वजनिक जीवन में असम्मान किया जाता है. यह सिर्फ निजी मामला नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के बड़े स्टार्स की मानसिकता का आईना है.
बड़े स्टार्स के अश्लील गाने
खेसारी लाल यादव भी पीछे नहीं हैं. उनके कई गाने, जिनमें महिलाओं को केवल आकर्षण और वस्तु की तरह दिखाया गया, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं. खुले तौर पर, अश्लील संवाद और हिंटिंग सीन दर्शकों को यह सिखाते हैं कि महिलाओं की गरिमा सिर्फ स्क्रीन तक सीमित है. यह संदेश खतरनाक है, खासकर युवा दर्शकों के लिए.
महिला कलाकार ग्लैमर तक सीमित नहीं
भोजपुरी इंडस्ट्री में महिला कलाकार केवल ग्लैमर तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए. उन्हें सशक्त और सम्मानजनक किरदार निभाने का हक मिलना चाहिए. लेकिन, अगर सुपरस्टार्स खुद सार्वजनिक रूप से महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं, तो इंडस्ट्री का नैतिक चेहरा सवालों के घेरे में आ जाता है.
महिलाओं के अधिकार की रक्षा
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हुए वीडियो और विवाद यह साफ दिखाते हैं कि स्टार्स की लोकप्रियता के लिए नैतिकता पीछे रह गई है. इंडस्ट्री को चाहिए कि वह सिर्फ बॉक्स ऑफिस के आंकड़ों की दौड़ में उलझने की बजाय महिलाओं के अधिकार और सम्मान की रक्षा करे.
पर्दे का ग्लैमर और असली जीवन
याद रखिए, पर्दे का ग्लैमर असली जीवन की नैतिकता नहीं बदल सकता. पवन और खेसारी जैसे सुपरस्टार्स का जिम्मा है कि वे अपने व्यवहार और गानों से यह संदेश दें कि महिलाओं का सम्मान केवल शो या स्क्रीन तक सीमित नहीं, हर कदम पर होना चाहिए.
ग्लैमर और हिट गानों के पीछे का सच
अगर इंडस्ट्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो केवल उनकी साख ही नहीं, बल्कि पूरे भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri Cinema) की छवि को चोट पहुंचेगी. ग्लैमर और हिट गानों के पीछे भी अब महिलाओं की गरिमा और सम्मान का सवाल सबसे आगे होना चाहिए.