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दांत ठीक करा लो! – बॉडी और स्किन को लेकर मिली मुश्किलों का इस हसीना ने किया खुलासा

डॉली सिंह की कहानी यह दिखाती है कि बॉलीवुड में केवल टैलेंट ही काफी नही, शक्ल-सूरत, बॉडी, स्टीरियोटाइप और सोशल मीडिया की इमेज भी रोल पाने में असर डालती है.

By: Anuradha Kashyap | Published: October 2, 2025 7:36:23 AM IST



डॉली सिंह सोशल मीडिया की जानी-मानी इन्फ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर हैं, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर उनके मज़ेदार और रिलेटेबल वीडियो लाखों लोगों को पसंद आते हैं बड़ी फैन फॉलोइंग ने उन्हें फेम दिलाया. इसके बाद डॉली सिंह ने बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन यहां इंडस्ट्री की चुनौतियों और स्ट्रगल का सामना करना पड़ा. डॉली ने खुलकर बताया कि कैसे शक्ल-सूरत, बॉडी और स्टीरियोटाइप फिल्मों में रोल मिलने या ना मिलने पर असर डालते हैं, उनकी कहानी दिखाती है कि बॉलीवुड में एक्टिंग और सोशल मीडिया दोनों का रास्ता आसान नहीं होता।

शक्ल सूरत और बॉडी का असर 

डॉली ने बताया कि इंडस्ट्री में कई बार रोल मिलने में शक्ल-सूरत और बॉडी मायने रखती हैं, कोई सीधे नहीं कहता कि आप पतले हैं या ज्यादा मोटी हैं, लेकिन यह फैक्टर काम आता है. कभी-कभी डायरेक्टर या लेखक किसी किरदार के लिए एक खास लुक को ध्यान में रखते हैं जो उसमे फिट बैठे अगर आप उसमें फिट नहीं होते, तो रोल आपको नहीं मिलता . डॉली ने कहा कि इसे समझना जरूरी है, हर रोल के लिए फिट होना जरूरी नहीं, लेकिन कुछ कैरेक्टर्स या बड़े रोल्स में यह बहुत असर डालता है.  

डायरेक्टर ने डोली के दांतों को लेकर कहा

एक बार एक डायरेक्टर ने डॉली से कहा कि “दांत थोड़े ठीक करवा लें”,  यह उनके जीवन का वह पल था जब उन्हें सीधा ताना मिला. डॉली ने कहा कि यह केवल उनकी कहानी नहीं है, बल्कि इंडस्ट्री में यह आम बात है.  कभी कहा जाता है कि थोड़े मोटे हैं, कभी थोड़े पतले हैं, और इसी वजह से रोल नहीं मिलता. डॉली मानती हैं कि कुछ रोल्स में यह मायने रख सकता है, लेकिन असली एक्टिंग की ताकत दिखावट में नहीं, बल्कि टैलेंट और किरदार को निभाने  में होनी चाहिए.

इंस्टाग्राम स्टार्स और स्टीरियोटाइप

डॉली ने बताया कि इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया पर फेमस होने के बावजूद, बॉलीवुड में उन्हें स्टीरियोटाइप के कारण अक्सर सीमित रोल्स ही मिले हैं. कंटेंट क्रिएटर और एक्टिंग की दुनिया में यह एक दोधारी तलवार की तरह है. उन्हें छोटे रोल और फिल्म प्रमोशन के लिए बुलाया जाता था, और अक्सर वही काम फिल्मों में दिखाया जाता था जो वे इंस्टाग्राम पर करती हैं.

फिल्मी सफर और चुनौतियां

‘थैंक यू फॉर कमिंग’ के बाद भी डॉली का सफर आसान नहीं रहा, उन्हें बड़े-बड़े ऑफर नहीं मिले और उनकी जिंदगी में कोई खास बदलाव नहीं आया. यह दिखाता है कि इंडस्ट्री में फेम और टैलेंट के बावजूद कई चैलेंजेस आते हैं, जिन्हें फेस करना पड़ता है. डॉली ने कहा कि उन्हें नई चीज़ें एक्सप्लोर करने का मौका चाहिए, लेकिन अक्सर उन्हें वही रोल और प्रमोशन के काम ही मिलते हैं.

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