Mala Sinha controversy: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में 1950 के दशक में कई अभिनेत्रियां आईं. इनमें से कुछ ने बहुत नाम कमाया और कामयाब रहीं जबकि कुछ गुमनामी के अंधेरे में खो गईं. आज हम आपको एक ऐसी ही एक्ट्रेस के बारे में बताएंगे जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अच्छा खासा नाम कमाया, शोहरत भी पाई. यहां तक कि हिंदी सिनेमा में अपने योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया. फिर भी इनकी एक गलती इनपर इतनी भारी पड़ी कि एक समय फिल्मों के लिए तरस गईं और फिर गुमनामी में जीवन काटने को मजबूर हो गईं.

चार दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री पर किया राज
ये एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि माला सिन्हा (Mala Sinha) थीं. माला सिन्हा ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर तकरीबन चालीस साल तक राज किया. ‘प्यासा’, ‘धूल का फूल’, ‘परवरिश’, ‘फिर सुबह होगी’, ‘नया ज़माना’, ‘बादशाह‘ जैसी अनगिनत फिल्मों में उनकी एक्टिंग की जमकर तारीफ हुई थी. हर ज़माने के कोई भी बड़े सुपरस्टार के साथ उनकी जोड़ी न जमी हो, ऐसा हो सकता था. उन्होंने राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, मनोज कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ काम किया था. माला सिन्हा का फ़िल्मी सफर बेहतरीन रहा लेकिन एक विवाद ने उनकी जमकर किरकिरी करवा दी जिससे एक वक्त इंडस्ट्री ने उनसे किनारा तक कर लिया था.

जब कबूली वेश्यावृत्ति की बात
दरअसल, 1964 की बात है. माला सिन्हा के मुंबई स्थित घर पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड मारी. इस छापे में इनकम टैक्स वालों को बाथरूम की दीवारों से नोटों की गड्डियां बरामद हुईं. इन नोटों की कीमत उस वक्त 12 लाख रुपए थी जो कि उस ज़माने के हिसाब से काफी ज्यादा थी. मामला कोर्ट तक पहुंचा और माला से पूछा गया कि उनके पास इतनी मोटी रकम कहाँ से आई तो उन्होंने कह दिया कि ये रकम उन्होंने वेश्यावृत्ति से कमाई है. माला का ये बयान सुनकर हर कोई दंग रह गया.
बाद में माला सिन्हा के इस बयान के पीछे की कहानी सामने आई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, माला ने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि वकीलों ने कहा था कि अगर वो ऐसा बयान देती हैं तो वह टैक्स छोटी या अवैध संपत्ति के आरोपों से बच जायेंगी. कहा जाता है कि माला कंजूस थीं और किसी भी कीमत पर अपने पैसे नहीं गंवाना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने ऐसा बयान देने से परहेज नहीं किया. माला इस मामले में तो बच गईं लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में उनकी जमकर किरकरी हुई थी.