Rishi Kapoor Birthday : कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो सिर्फ पर्दे पर ही नहीं, बल्कि हमारी यादों और भावनाओं में भी बस जाते हैं. उनके एक्टिंग, उनकी मुस्कान और उनका अंदाज वक्त के साथ फीका नहीं पड़ता. ऋषि कपूर उन्हीं चंद कलाकारों में से एक थे. एक दौर था जब नौजवान उनकी स्टाइल की नकल करते थे और लड़कियां उनकी झलक भर पाने को बेताब रहती थीं. लेकिन, इस चमकते सितारे की असली जिंदगी भी आम इंसानों जैसी ही थी.
ऋषि कपूर की जिंदगी में भी कुछ लतें थीं, जिनमें से एक थी सिगरेट पीने की आदत. वे चेन स्मोकर थे, यानी एक के बाद एक सिगरेट पीते थे. लेकिन एक दिन उनकी बेटी की कही गई मासूम-सी बात ने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया. उस दिन उन्होंने खुद से वादा किया कि अब सिगरेट को कभी हाथ नहीं लगाएंगे और निभाया भी.
बचपन से ही जुड़ाव था कैमरे से
4 सितंबर 1952 को मुंबई में जन्मे ऋषि कपूर, हिंदी सिनेमा के फेमस कपूर खानदान से ताल्लुक रखते थे. उनके पिता राज कपूर, इंडियन सिनेमा के सबसे बड़े नामों में से एक थे. फिल्मी माहौल में पले-बढ़े ऋषि ने बतौर बाल कलाकार ‘मेरा नाम जोकर’ से अपने करियर की शुरुआत की और इसके लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता.
हालांकि, 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी‘ ने उन्हें घर-घर में फेमस कर दिया. 21 साल के ऋषि ने जब एक कॉलेज ब्वॉय का किरदार निभाया, तो वे रोमांस के नए पोस्टर ब्वॉय बन गए. युवाओं के बीच उनका जलवा देखते ही बनता था.
हर रंग में रंगे कलाकार
ऋषि कपूर ने ‘कर्ज’, ‘सरगम’, ‘प्रेम रोग’, ‘चांदनी‘, ‘नगीना’, ‘सागर’, ‘नसीब’, ‘अमर अकबर एंथोनी‘ जैसी हिट फिल्मों से 70 और 80 के दशक पर राज किया. रोमांटिक हीरो की छवि से निकल कर उन्होंने ‘अग्निपथ’, ‘कपूर एंड सन्स’, ‘102 नॉट आउट’ जैसी फिल्मों में नए और चुनौतीपूर्ण किरदार भी निभाए.
फिल्मों में ही नहीं, अपनी निजी जिंदगी में भी ऋषि कपूर एक जिम्मेदार इंसान थे. अपनी आत्मकथा ‘खुल्लम खुल्ला’ में उन्होंने अपने जीवन के कई अनसुने पहलुओं पर खुलकर बात की है. सिगरेट छोड़ने की प्रेरणा भी उन्हें अपने ही घर से मिली.
बेटी की बात ने खोल दी आंखें
ऋषि कपूर ने किताब में बताया कि एक दिन उनकी बेटी रिद्धिमा ने मासूमियत से कहा- “पापा, मैं आपको गुड मॉर्निंग किस नहीं कर सकती, क्योंकि आपके मुंह से सिगरेट की बदबू आती है.” ये बात ऋषि के दिल में इतनी गहराई से उतर गई कि उसी दिन से उन्होंने सिगरेट को अलविदा कह दिया.
पिता के रूप में भी निभाया रोल
1980 में जब रिद्धिमा का जन्म हुआ, तो ऋषि और उनकी पत्नी नीतू कपूर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बाद में बेटे रणबीर कपूर का जन्म हुआ और परिवार पूरा हो गया. हालांकि, ऋषि कपूर ने खुद स्वीकारा कि वे रणबीर के लिए एक सख्त पिता थे.
150 से ज्यादा फिल्मों में अपनी छाप
ऋषि कपूर ने अपने करियर में 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और हर किरदार को जीवंत बना दिया. उन्हें ‘बॉबी‘ के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला, ‘दो दूनी चार’ के लिए क्रिटिक्स अवॉर्ड और ‘कपूर एंड सन्स‘ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार भी.
2018 में ऋषि कपूर को कैंसर का पता चला. इलाज के लिए वे न्यूयॉर्क चले गए. एक साल बाद जब लौटे तो दोबारा फिल्मों में काम करने लगे, लेकिन शरीर अब साथ नहीं दे रहा था. 30 अप्रैल 2020 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन अपनी अदाकारी और मुस्कान से वो हमेशा जिंदा रहेंगे.