Jackie Shroff And Anil Kapoor Film: जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर हिंदी सिनेमा के जाने-माने चेहरे हैं. दोनों की एक्टिंग बेहद ही दमदार होती है, 68 साल की उम्र होने के बाद भी दोनों शानदार एक्टिंग करते हैं. जैकी श्रॉफ को अक्सर विलेन के रोल में ज्यादा देखा जाता है, वहीं अनिल कपूर को मेन रोल में देखा जाता है। दोनों अपनी शानदार ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री के लिए जाने जाते हैं, उन्हें काफी फिल्मों में साथ काम करते हुए देखा गया है। एक समय की बात है जब जैकी श्रॉफ ने अनिल कपूर को एक साथ 17 थप्पड़ मार दिए थे, इसके पीछे की वजह क्या है, आइए जानते हैं-
दोनों एक्टर्स ने फिल्म राम लखन, परिंदा और 1942: अ लव स्टोरी जैसी फिल्म में एक साथ काम किया है, लेकिन साल 1989 में रिलीज हुई फिल्म परिंदा की शूटिंग में कुछ ऐसा हुआ जिसे आज तक अनिल और जैकी भी नहीं भूले।
जड़े 17 थप्पड़
बॉलीवुड के इतिहास में परिंदा (1989) एक ऐसी फिल्म है जिसने अंडरवर्ल्ड पर आधारित कहानियों को नए लेवल पर पहुंचाया। विधु विनोद चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कलाकारों ने पूरी शिद्दत के साथ अपने किरदारों को जिया। इसी फिल्म से जुड़ा जैकी श्रॉफ का एक मजेदार और दर्दनाक अनुभव अक्सर चर्चा में रहा है।
फिल्म में एक सीन था, जिसमें जैकी श्रॉफ के किरदार को अनिल कपूर को थप्पड़ मारना था। सुनने में ये नार्मल लगता है, लेकिन इसे शूट करने में दोनों सितारों को कई बार मेहनत करनी पड़ी। जैकी ने एक पुराने इंटरव्यू में याद किया कि डायरेक्टर ने पहली टेक को सही मान लिया था, लेकिन थोड़े हाव-भाव सही करने के लिए फिर बार-बार रिटेक की मांग की। नतीजा यह हुआ कि जैकी को असल में अनिल कपूर को लगातार थप्पड़ मारने पड़े और गिनती पहुंची 17 तक।
क्यों जरूरी था असली थप्पड़?
जैकी ने इस अनुभव के पीछे की वजह भी बताई। उनके अनुसार, “अगर आप सिर्फ हवा में हाथ घुमाकर थप्पड़ मारने का नाटक करेंगे, तो सामने वाले कलाकार का रिएक्शन रियल नहीं लगेगा। इसलिए असली थप्पड़ ही मारना जरूरी था।” इस ईमानदारी के कारण सीन में वो तीव्रता आई जो दर्शकों को असलियत का अहसास कराती है।
परिंदा की खासियत
फिल्म सिर्फ एक्शन या हिंसा की कहानी नहीं थी, बल्कि ये दो भाइयों के रिश्ते, उनके संघर्ष और मुंबई की अंधेरी गलियों की कहानी थी। एक भाई अपराध की दलदल में फंसता है, तो दूसरा सही रास्ते पर चलने की कोशिश करता है। जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर के दमदार अभिनय ने फिल्म को यादगार बना दिया। नाना पाटेकर और माधुरी दीक्षित जैसे कलाकारों ने भी अपनी छाप छोड़ी।