Amitabh Bachchan Movie Kissa : बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन केवल अपनी दमदार एक्टिंग के लिए ही नहीं, बल्कि काम के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण के लिए भी जाने जाते हैं. फिल्मों के सेट पर अक्सर कलाकार छोटी-बड़ी चोटों का सामना करते हैं, लेकिन अमिताभ बच्चन की कुछ घटनाएं ऐसी रही हैं जो उनकी प्रोफेशनलिज्म और जज्बें को और भी खास बना देती हैं. 1982 में रिलीज हुई फिल्म ‘खुद्दार’ की शूटिंग के दौरान हुआ एक हादसा आज भी उनके करियर का यादगार किस्सा माना जाता है.
‘खुद्दार’ का एक गाना है – ‘मच गया शोर सारी नगरी रे’, आया बृज का बांका संभाल तेरी गगरी रे. ये गाना आज भी हर साल दही-हांडी के मौके पर बजाया जाता है. गाने की शूटिंग के दौरान डायरेक्टर रवि टंडन ने एक सीन में खास ट्विस्ट जोड़ा. उन्होंने अमिताभ बच्चन से कहा कि वो हांडी को हाथ से नहीं, बल्कि सिर से फोड़ें. अमिताभ, जो हर सीन को परफेक्शन के साथ करना चाहते थे, उन्होंने निर्देशक की बात मान ली.
चोट से सन्न रह गया सेट
जैसे ही अमिताभ ने सिर से मटकी तोड़ी, वो पल असली और फिल्मी दोनों हो गया. मटकी तो चकनाचूर हो गई, लेकिन साथ ही अमिताभ का माथा भी फट गया. अचानक खून बहने लगा और सेट पर अफरा-तफरी मच गई. क्रू मेंबर घबरा गए और तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे. उस वक्त मौजूद सभी लोग एक पल के लिए सदमें में थे क्योंकि हालात काफी गंभीर लग रहे थे.
डॉक्टर के पास गए, टांके लगवाए
लेकिन अमिताभ बच्चन का जज्बा कुछ और ही था. उन्होंने सेट पर मची हड़कंप को शांत किया और खुद डॉक्टर के पास जाकर टांके लगवाए. हैरान कर देने वाली बात ये रही कि उन्होंने आराम करने से इनकार कर दिया और उसी दिन वापस सेट पर लौटकर शूटिंग पूरी करने का फैसला किया. ये देखकर न केवल क्रू, बल्कि उनके साथी कलाकार भी हैरान रह गए.
समर्पण की मिसाल बने बिग बी
इस घटना ने ये साबित कर दिया कि क्यों अमिताभ बच्चन को “एंग्री यंग मैन” ही नहीं, बल्कि सच्चा प्रोफेशनल माना जाता है. दर्द और चोट के बावजूद उन्होंने जिस तरह काम को प्राथमिकता दी, वो हर किसी के लिए मिसाल है. यही वजह है कि उस वक्त क्रू ने उनकी जमकर तालियां बजाकर हौसला बढ़ाया.
अगर आपने ‘खुद्दार’ अब तक नहीं देखी है, तो ये फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है. इसकी IMDb रेटिंग 6.6 है और ये आज भी अमिताभ बच्चन के करियर का अहम हिस्सा मानी जाती है.