1999 में रिलीज हुई फिल्म सूर्यवंशम आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने डबल रोल निभाया था. एक सख्त लेकिन सिद्धांतों पर अडिग पिता का और दूसरा एक अनपढ़, सरल और ईमानदार बेटे का. ये फिल्म न सिर्फ कहानी के लिए याद की जाती है, बल्कि इसके गानों ने भी खासा प्रभाव छोड़ा.
फिल्म का गाना ‘कोरे-कोरे सपने’ खास तौर पर बेहद फेमस हुआ. ये गाना अमिताभ बच्चन और सौंदर्या पर फिल्माया गया था, जिनकी केमिस्ट्री ने लोगों भावनात्मक रूप से जोड़ दिया. गाने में एक अनपढ़ पति और उसकी शिक्षित होती पत्नी के बीच का रिश्ता खूबसूरती से दिखाया गया है. ने की सादगी और गहराई आज भी श्रोताओं को इमोश्वल देती है.
अनु मलिक और गायकों का योगदान
इस गाने को कंपोज फेमस म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक ने किया था. उनकी धुनों में हमेशा एक अनोखा भारतीय स्पर्श होता है, जो इस गाने में भी साफ झलकता है. इसे गाया था कुमार सानू और अनुराधा पौडवाल ने- दोनों की आवाजों ने इस गाने को और भी ज्यादा असरदार बना दिया.
एक शानदार कहानी
फिल्म में अमिताभ बच्चन का बेटा बनने वाला किरदार एक सीधा-सादा, अनपढ़ लेकिन मेहनती और ईमानदार इंसान है. शादी के बाद वो अपनी पत्नी को आगे पढ़ने के लिए प्रेरित करता है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक साधारण पुरुष अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखाकर कलेक्टर बनने में मदद करता है. ये कहानी नारी सशक्तिकरण और पारिवारिक मूल्यों का संदेश देती है.
क्यों है आज भी यादगार?
‘कोरे-कोरे सपने’ सिर्फ एक रोमांटिक गाना नहीं है, बल्कि ये उन सपनों की कहानी कहता है जो अधूरे थे लेकिन प्यार और विश्वास से पूरे हुए. आज जब भी ये गाना टीवी या रेडियो पर बजता है, तो एक पुरानी याद ताजा हो जाती है- एक समय की जब रिश्तों में सादगी और प्यार सबसे ऊपर था.