Home > मनोरंजन > बाप रे! यूं ही हिट नहीं है भोजपुरी गाने, शूटिंग के वक्त हीरोइन के साथ होता है ऐसा काम, जान लीजिए पर्दे के पीछे छिपे ‘वो’ अनसुने राज, सुनकर खड़े हो जाएंगे रोंगटें

बाप रे! यूं ही हिट नहीं है भोजपुरी गाने, शूटिंग के वक्त हीरोइन के साथ होता है ऐसा काम, जान लीजिए पर्दे के पीछे छिपे ‘वो’ अनसुने राज, सुनकर खड़े हो जाएंगे रोंगटें

Bhojpuri Film Shooting Techniques: भोजपुरी फिल्मों में जब भी कोई रोमांटिक सीन पर्दे पर आता है, तो दर्शक उसमें पूरी तरह डूब जाते हैं।

By: Yogita Tyagi | Published: June 30, 2025 4:03:28 PM IST



Bhojpuri Film Shooting Techniques: भोजपुरी फिल्मों में जब भी कोई रोमांटिक सीन पर्दे पर आता है, तो दर्शक उसमें पूरी तरह डूब जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन इमोशनल और खूबसूरत सीन को पर्दे पर लाने के लिए पर्दे के पीछे कितनी मेहनत होती है? भोजपुरी रोमांटिक सीन की शूटिंग एक बेहद सोच-समझकर की जाने वाली प्रक्रिया होती है। हर भाव और डायलॉग को परफेक्ट बनाने के लिए कई बार रीटेक किए जाते हैं। डायरेक्टर हर फ्रेम पर बारीकी से नजर रखते हैं, कैमरे का एंगल, डायलॉग डिलीवरी और कलाकारों की बॉडी लैंग्वेज सब कुछ उनकी देखरेख में तय होता है।

रोमांटिक सीन को  कैसे बनाते हैं आकर्षक? 

तकनीक ने भोजपुरी सिनेमा को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। आजकल रोमांटिक सीन को और भी आकर्षक बनाने के लिए वीएफएक्स यानी विजुअल इफेक्ट्स का खूब इस्तेमाल होता है। इससे बैकग्राउंड को ड्रीम-लुक दिया जाता है जो दर्शकों को एक अलग ही फीलिंग देता है। सीन की जान बनता है संगीत। बैकग्राउंड स्कोर हो या रोमांटिक गाना, संगीत भावनाओं को गहराई से जोड़ता है। वहीं, फूलों, रंगीन पर्दों और दीयों से सजी सेट डिजाइन सीन को और भी रोमेंटिक बना देती है। लोकेशन का चुनाव भी बेहद सोच-समझकर किया जाता है – जैसे नदी किनारे, बगीचा या गांव की हरियाली, जिससे सीन को नैचुरल और दिल को छूने वाला टच मिले।

बिना झिझक कैसे काम करते हैं कलाकार 

क्लोज-अप शॉट्स भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। जब कैमरा चेहरे के बेहद करीब जाकर कलाकार के इमोशन को कैद करता है, तो दर्शक उन भावनाओं को महसूस कर पाते हैं। इसके साथ ही, सॉफ्ट लाइटिंग पूरे सीन को नर्म और सपनों जैसा बना देती है। शूटिंग से पहले कलाकारों को सहज माहौल दिया जाता है ताकि वे बिना झिझक और नेचुरल अंदाज में अभिनय कर सकें। को-स्टार्स और डायरेक्टर के बीच की अंडरस्टैंडिंग भी सीन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाती है। अंत में, जब संवाद और गीत एक साथ मिलते हैं तो वह सीन दर्शकों के दिल में बस जाता है। यही वजह है कि भोजपुरी फिल्मों के रोमांटिक सीन केवल सिनेमा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव बन जाते हैं।

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