Medical Colleges: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि पिछले 11 सालों में देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 819 हो गई है. उन्होंने एम्स के 50वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में बताया कि स्नातक मेडिकल सीटें 51,000 से बढ़कर 1.29 लाख और स्नातकोत्तर सीटें 31,000 से बढ़कर 78,000 हो गई है.
अगले 5 सालों में मेडिकल सीट
उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर 75,000 अतिरिक्त सीटें जुड़ने की उम्मीद है. स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातक छात्रों को बधाई दी और देश में चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा और रोगी देखभाल को आगे बढ़ाने में एम्स के अद्वितीय योगदान की प्रशंसा की. उन्होंने युवा डॉक्टरों से लोगों की सेवा करने नैतिकता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने और देश की उभरती स्वास्थ्य सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवाचार का उपयोग करने का आह्वान किया है.
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार
नड्डा ने यह भी कहा कि देश ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष प्रगति की है. नमूना पंजीकरण सर्वेक्षण (एसआरएस) के आंकड़ों के अनुसार मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 130 से घटकर 88 और शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 39 से घटकर 27 हो गई है. पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) और नवजात शिशु मृत्यु दर (एनएमआर) में भी क्रमशः 42 प्रतिशत और 39 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट आई है, जो वैश्विक औसत से अधिक है.
टीबी के मामलों में कमी
नड्डा ने आगे कहा कि द लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में टीबी के मामलों में 17.7 प्रतिशत की कमी आई है. जो वैश्विक दर 8.3 प्रतिशत से दोगुने से भी अधिक है. अपने संबोधन के समापन पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्नातक छात्रों से शिक्षा और अनुसंधान में सक्रिय योगदान देने और अपने पेशेवर एवं नैतिक आचरण में उत्कृष्टता के माध्यम से एम्स की प्रतिष्ठित विरासत और ब्रांड को बनाए रखने का आग्रह किया है.
उन्होंने छात्रों को आजीवन शिक्षार्थी और नवप्रवर्तक बने रहने चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने और समाज की सेवा के लिए समर्पित रहने के लिए प्रोत्साहित किया है.