देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक, दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University), आज शर्मसार है. एक छात्रा ने दो प्रोफेसरों (जिनमें विभागाध्यक्ष भी शामिल हैं) पर यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रा का कहना है कि ये प्रोफेसर शिक्षा की आड़ में अपनी व्यक्तिगत वासनाओं को पूरा करने के लिए उसे निशाना बना रहे थे, और विरोध करने पर करियर खत्म करने की धमकी दी गई.
यह घटना शिक्षण संस्थानों की गरिमा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है: क्या अब शिक्षा के नाम पर ‘गुंडागर्दी’ और ‘शोषण’ हो रहा है?
प्रोफेसर के कमरे में जाने का दबाव
दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की चित्रा नाम की एक स्टूडेंट द्वारा बनाया गया एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. वीडियो में, स्टूडेंट ने आरोप लगाया है कि उसके डिपार्टमेंट के हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) ने भी उस पर प्रोफेसर के कमरे में जाने का दबाव डाला स्टूडेंट का दावा है कि HOD ने उसे प्रोफेसर के कमरे में जबरदस्ती भेजने की कोशिश की और उसे धमकी देते हुए कहा, “तुम इस यूनिवर्सिटी का बहुत छोटा हिस्सा हो; हम तुम्हारी ज़िंदगी बर्बाद कर सकते हैं.” जिसका सबूत एक वीडियो रिकॉर्डिंग में देखा जा सकता है.
A student named Chitra at #DelhiUniversity was allegedly harassed by a professor over a certain issue. She created a reel about the incident and posted it on Instagram.
When the head of the department found out about the reel, they pressured her to delete it.
However, Chitra… pic.twitter.com/alyUU3K8bg
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) December 12, 2025
सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बताई एक-एक बात
वीडियो में छात्रा को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंची है और वह किसी भी तरह का दबाव बर्दाश्त नहीं करेगी. उसने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्टूडेंट्स ने महज 30 मार्क्स के पेपर में नंबर ना कट जाए इसके लिए छात्रा चित्र के खिलाफ झूठी और गुमराह करने वाला बयान दिया है, जिससे उसकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई. स्टूडेंट के मुताबिक, उस पर वीडियो डिलीट करने का भी दबाव डाला जा रहा है.
दरअसल छात्रा ने बताया कि उसने प्रोफेसर के बारे में एक रील बनाई थी और उसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया था. जब हेड ऑफ डिपार्टमेंट को इस रील के बारे में पता चला, तो उन्होंने उस पर इसे हटाने का दबाव डालना शुरू कर दिया. हालांकि, स्टूडेंट ने रील डिलीट करने से साफ इनकार कर दिया.
ABVP ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इस मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की मांग की है. ABVP ने कहा कि सच्चाई सामने लाने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी घटना की सही जांच की जानी चाहिए. ABVP ने चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे मामले सामने आने से दिल्ली यूनिवर्सिटी की इज़्ज़त और विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं.
दिल्ली यूनिवर्सिटी की विश्वसनीयता पर सवाल
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) सिर्फ एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि यहां देश के हज़ारों युवाओं के सपने पलते हैं, यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का एक स्थापित पैमाना है. जब इस प्रतिष्ठित परिसर से प्रोफेसरों और विभागाध्यक्ष जैसे ज़िम्मेदार पदों पर बैठे व्यक्तियों पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगते हैं, तो यह सीधे तौर पर संस्थान की विश्वसनीयता और नैतिक साख पर गहरा आघात करता है. ये मामले न केवल विश्वविद्यालय के सुरक्षित माहौल पर संदेह पैदा करते हैं, बल्कि यह भी सवाल उठाते हैं कि क्या आंतरिक शिकायत तंत्र (Internal Complaint Mechanism) वास्तव में प्रभावी है. छात्रों और अभिभावकों का विश्वास डगमगाता है, क्योंकि यह धारणा मज़बूत होती है कि शिक्षा के केंद्र में ज्ञान से ज़्यादा सत्ता और शोषण का खेल चल रहा है. इन आरोपों से DU की छवि को जो नुकसान पहुंचता है, उसे बहाल करना एक बड़ी चुनौती होगी.