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पुलिस से बचने के लिए खुद को किया मृत घोषित और फिर जो हुआ उसे देखने के बाद दंग रह गए सब

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने एक शातिर अपराधी (Vicious Criminal) को गोरखपुर (Gorakhpur) से गिरफ्तार किया है, जो चोरी और अवैध हथियार रखने के कई मामलों में वांछित (Desired) था. आरोपी ने खुद को मृत घोषित करने के लिए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (Fake Death Certificate) बनवाया था और अदालत को गुमराह कर रहा था.

By: DARSHNA DEEP | Published: October 12, 2025 4:28:25 PM IST



Delhi Latest Crime News: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शातिर अपराधी को गिरफ्तार किया है जिसने सभी के होश उड़ा दिए हैं. दिल्ली पुलिस ने शातिर अपराधी वीरेंद्र विमल को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है. दरअसल, आरोपी चोरी और अवैध हथियार रखने के कई मामलों में मुकदमे से बचने के लिए पिछले चार सालों से खुद को मृत घोषित कर फरार चल रहा था.

कोर्ट से बचने के लिए रची थी साजिश: 

राजधानी दिल्ली के मुंगेशपुर गांव का रहने वाला निवासी वीरेंद्र विमल बवाना थाने में दर्ज घरों में सेंधमारी, चोरी और अवैध हथियार रखने के मामलों में कई सालों से वांछित चल रहा था. कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट से खुद को बचाने के लिए उसने ने एक बड़ी साजिश रची थी. पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ने साल 2021 में दिल्ली नगर निगम (MCD) का एक जाली मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर लिया, जिसमें उसकी मृत्यु की तारीख 24 अगस्त 2021  बताई गई थी. इस फर्जी प्रमाण पत्र के  ज़रिए उसके खिलाफ चल रहे अदालती मामलों की कार्रवाई खत्म कर दी गई थी. 

पुलिस की दोबारा जांच, मामले में नया मोड़:

लेकिन पुलिस को कुछ संदेह लग रहा था. जब पुलिस ने इस मामले की दोबारा से जांच पड़ताल शुरू कि तो मृत्यु रिकॉर्ड में विसंगतियां पाई गई. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपी की कोई मौत नहीं हुई है. उसने अदालत को गुमराह करने के लिए प्रमाण पत्र में हेराफेरी की थी ताकी वो बच सके. 

आखिरकार पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार:

पुलिस ने लगातार कड़ी निगरानी के बाद आरोपी का पता लगाया और उसे गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उपायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी की पहचान की पुष्टि के लिए ‘क्राइम कुंडली’ यानी बायोमेट्रिक डेटाबेस और ‘फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) सॉफ्टवेयर’ का इस्तेमाल किया गया, जिसने उसकी नवीनतम तस्वीर का पुलिस के पुराने रिकॉर्ड से मिलान कर दिया. आरोपी को अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है. फिलहाल, इस मामले में पुलिस की कार्रवाई अब भी जारी है. 

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