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‘छोटा डॉन’ की विदेश से साज़िश: हिमांशु भाऊ ने ₹4 लाख में करवाई थी BC रोहित लांबा की सुपारी किलिंग!

दिल्ली के नजफगढ़ फायरिंग केस (Najafgarh Firing Case) में शामिल दोनों शूटरों हिमांशु और मनीष को मसूरी से पकड़कर दिल्ली लाया गया है. इन दोनों ने ₹4 लाख की डील पर दिल्ली पुलिस के बीसी (बैड करेक्टर) रोहित लांबा पर गोलियां चलाई थीं. हमले में रोहित लांबा बाल-बाल बच गया था. यह वारदात विदेश में बैठे गैंगस्टर हिमांशु भाऊ (Gangster Himanshu Bhau) के इशारे पर हुई थी. दिल्ली पुलिस अब इस संगठित अपराध (Organized Crime) के गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है.

By: DARSHNA DEEP | Published: November 2, 2025 12:33:08 PM IST



Najafgarh Firing Case: राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ फायरिंग केस में शामिल दो शूटरों हिमांशु और मनीष को द्वारका जिले के ऑपरेशन सेल की टीम से मसूरी से गिरफ्तार कर आखिरकार दिल्ली लेकर वापस आ गई है. इन दोनों शूटरों को दिल्ली पुलिस के घोषित बीसी (बैड करेक्टर) रोहित लांबा पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 

पुलिस की कार्रवाई में क्या आया सामने?

पुलिस की कार्रवाई में यह सामने आया कि इस घटना के लिए दोनों शूटरों ने 4 लाख रुपये देने की डील की थी. द्वारका डीसीपी अंकित सिंह के सख्त निर्देश पर एसीपी ऑपरेशन राम अवतार की देखरेख में पुलिस टीम मामले की जांच में जुटी हुई है. 

वारदात और फरार की कहानी

सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने हमले को अंजाम देने के लिए सबसे पहले बहादुरगढ़ से रेंट पर स्कॉर्पियो ली थी. लेकिन इलाके की खराब सड़कों की वजह से उन्होंने बाद में एक छोटी गाड़ी की मांग की. इसी छोटी गाड़ी से वे 28 अक्टूबर की रात नजफगढ़ के अर्जुन पार्क पहुंचे और रोहित लांबा पर कई राउंड फायरिंग भी की. लेकिन ताबड़तोड़ फायरिंग के दौरान रोहित लांबा की जान बाल-बाल बच गई. 

विदेश में बैठे गैंगस्टर का बड़ा हाथ

पुलिस ने घटना पर जानकारी देते हुए बताया कि रोहित लांबा दिल्ली पुलिस का घोषित बीसी है, उसकी हरियाणा के झज्जर जेल में बदमाश दीपक से कहासुनी हो गई थी. जेल से बाहर आने के बाद दीपक ने बदला लेने के लिए हिमांशु भाऊ से संपर्क किया था.  पुलिस के मुताबिक, हिमांशु भाऊ ने विदेश में बैठे-बैठे ही इस वारदात को अंजाम देने के लिए इन दोनों शूटरों को दिल्ली भेजा था. यहां तक कि हिमांशु भाऊ ने शूटरों को रोहित लांबा की फोटो तक भी भेजी थी ताकि वे उसे पहचान कर तुरंत हमला कर सकें. 

फिलहाल, पुलिस अब इन दोनों शूटरों से मिले इनपुट के आधार पर इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है. यह वारदात संगठित अपराध और विदेश से संचालित आपराधिक गतिविधियों की तरफ इशारा करती है. 

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