दिल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह यात्रियों की धड़कनें कुछ तेज़ हो गईं. अचानक कई फ्लाइट्स की स्क्रीन पर “Delayed” का लाल निशान चमकने लगा. कोई टैक्सी में बैठा जल्दी-जल्दी टर्मिनल की ओर बढ़ रहा था, तो कोई बोर्डिंग गेट पर खड़ा बेसब्री से अनाउंसमेंट का इंतज़ार कर रहा था. वजह एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में आई अचानक तकनीकी गड़बड़ी. इसके चलते उड़ानों का पूरा शेड्यूल गड़बड़ा गया और एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया.
दरअसल, दिल्ली हवाई अड्डे पर शुक्रवार को हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली में तकनीकी खराबी के कारण 300 से ज़्यादा उड़ानें विलंबित हुईं. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, तकनीकी खराबी के कारण गुरुवार शाम से ही हवाई नियंत्रक उड़ानों की समय-सारिणी प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं.
ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम में खराबी
हवाई यातायात नियंत्रक मैन्युअल रूप से काम कर रहे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, ऑटोमेटिक मैसेज स्विच सिस्टम (एएमएसएस) में खराबी आ गई है, जो विमानों के समय-सारिणी, जैसे उड़ान और लैंडिंग, की जानकारी प्रदान करती है.
एटीसी अधिकारी मौजूदा डेटा का उपयोग करके मैन्युअल रूप से उड़ान कार्यक्रम तैयार कर रहे हैं. इसके परिणामस्वरूप कई उड़ानें एक घंटे तक विलंबित हो रही हैं. उड़ान ट्रैकिंग वेबसाइट Flightradar24.com के अनुसार, गुरुवार को 513 उड़ानें विलंबित हुईं.
Passenger Advisory issued at 08:34 Hours#DelhiAirport #PassengerAdvisory #DELAdvisory pic.twitter.com/ckfpibIazv
— Delhi Airport (@DelhiAirport) November 7, 2025
पायलट ने बताया जीपीएस स्पूफिंग का सामना करना पड़ा
भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक एयरलाइन पायलट ने बताया कि पिछले हफ़्ते उसने छह उड़ानें भरीं और हर बार उसे जीपीएस स्पूफिंग का सामना करना पड़ा. पायलट के अनुसार, दिल्ली हवाई अड्डे पर एक लैंडिंग के दौरान, उसके कॉकपिट सिस्टम ने एक अलर्ट दिखाया जो आगे संभावित खतरे का संकेत दे रहा था. जबकि वास्तव में ऐसा कोई खतरा नहीं था. ऐसी ही घटनाएँ अन्य उड़ानों के साथ भी हुईं, जिसके परिणामस्वरूप देरी हुई.