UP: पुलिस ने बताया कि बुढ़ाना जिले के एक कॉलेज छात्र ने फीस न भरने के कारण परीक्षा में बैठने की अनुमति न मिलने पर खुद को आग लगा ली थी. उसने रविवार शाम दिल्ली के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया. एसएसपी संजय कुमार ने बताया कि उप-निरीक्षक नंद किशोर और कांस्टेबल विनीत व ज्ञानवीर समेत तीन पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में पुलिस लाइन भेज दिया गया है. पीड़ित उज्जवल राणा के चाचा सचिन राणा के अनुसार, छात्र (22) की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
70 प्रतिशत तक जल गया था शरीर
पुलिस ने बताया कि उसका शव सोमवार को उसके गृहनगर पहुंचने की उम्मीद है. बुढ़ाना स्थित डीएवी कॉलेज के बीए द्वितीय वर्ष के छात्र उज्ज्वल ने शनिवार को खुद को आग लगा ली थी, जिससे वह 70 प्रतिशत तक जल गया था. उसे पहले एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और बाद में गंभीर हालत में दिल्ली रेफर कर दिया गया.
गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित
एसएसपी कुमार ने कहा कि मामले में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं. उज्जवल के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपी पुलिसकर्मियों को कॉलेज के प्रिंसिपल ने तब बुलाया था जब पीड़ित ने परीक्षा में बैठने की अनुमति न मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन किया था.
परिवार ने लगाया पुलिस पर आरोप
मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने उसे परेशान किया.पीड़ित की बहन सलोनी राणा ने कॉलेज प्रबंधक अरविंद गर्ग, प्रिंसिपल प्रदीप कुमार, शिक्षक संजीव कुमार और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.अधिकारियों ने बताया कि मामले की जाँच शुरू कर दी गई है.
उचित कार्रवाई करने का निर्देश
इस बीच उत्तर प्रदेश के मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि उन्होंने ज़िला अधिकारियों को मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने घटना की निंदा की है और ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
कांग्रेस ने योगी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस ने घटना की न्यायिक जांच और मामले में नामज़द कॉलेज अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी की मांग की है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने उज्जवल की मौत के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार और केंद्र दोनों को ज़िम्मेदार ठहराया है.
एक बयान में राय ने कहा कि यह घटना शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को दर्शाती है और इसे “व्यवस्था द्वारा की गई हत्या” बताया. उन्होंने कहा कि उज्ज्वल की मौत दर्शाती है कि कैसे छात्रों को कॉलेज प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों द्वारा फीस को लेकर दबाव का सामना करना पड़ता है और राज्य में शिक्षा का व्यवसायीकरण हो गया है.
उन्होंने आगे कहा कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में प्रचार करते नज़र आते हैं. पार्टी ने उज्ज्वल के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा और एक सरकारी नौकरी की मांग की है. बयान में कहा गया है कि पार्टी ने निजी संस्थानों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाने और आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों के लिए एक सहायता कोष बनाने की भी मांग की है.